आषाढ़ गुप्त नवरात्रि 2025: तंत्र साधना और आत्मशक्ति का पर्व
भारत की सांस्कृतिक परंपराओं में नवरात्रि का विशेष स्थान है। वैसे तो लोग चैत्र और शारदीय नवरात्रि से अधिक परिचित होते हैं, लेकिन गुप्त नवरात्रि—विशेषकर आषाढ़ और माघ मास में आने वाली—तांत्रिक साधना, आत्मबल, और आंतरिक सिद्धियों की दृष्टि से अत्यंत महत्वपूर्ण मानी जाती है।
Img Banner
profile
Sanjay Purohit
Created AT: 11 hours ago
43
0
...

भारत की सांस्कृतिक परंपराओं में नवरात्रि का विशेष स्थान है। वैसे तो लोग चैत्र और शारदीय नवरात्रि से अधिक परिचित होते हैं, लेकिन गुप्त नवरात्रि—विशेषकर आषाढ़ और माघ मास में आने वाली—तांत्रिक साधना, आत्मबल, और आंतरिक सिद्धियों की दृष्टि से अत्यंत महत्वपूर्ण मानी जाती है। आषाढ़ गुप्त नवरात्रि 2025 का आरंभ 26 जून 2025 (गुरुवार) से होगा और समापन 4 जुलाई 2025 (शुक्रवार) को होगा।


गुप्त नवरात्रि क्या है?


"गुप्त" शब्द का अर्थ है — छिपा हुआ या आंतरिक। आषाढ़ गुप्त नवरात्रि एक गहन साधना का काल है, जब साधक मां दुर्गा के दस महाविद्याओं की आराधना करते हैं। यह समय तांत्रिक परंपराओं में सिद्धि, रक्षा, और शक्ति प्राप्ति के लिए अत्यंत फलदायी माना जाता है।

महत्व और विशेषताएँ


1. तांत्रिक साधना की शक्ति:

इस अवधि में महाकाली, तारा, छिन्नमस्ता, त्रिपुर भैरवी आदि महाविद्याओं की साधना की जाती है। इन देवियों की आराधना गुप्त रूप से, नियमपूर्वक, ब्रह्म मुहूर्त में की जाती है।



2. नकारात्मक ऊर्जा से सुरक्षा:

यह नवरात्रि विशेष रूप से भूत-प्रेत बाधा, कालसर्प दोष, शत्रु बाधा जैसी समस्याओं से मुक्ति के लिए की जाती है।



3. ध्यान और आत्मिक उन्नति:

आषाढ़ नवरात्रि में ध्यान, योग, मौन व्रत और जप से व्यक्ति आत्मिक शांति, अंतर्दृष्टि और आत्मबल प्राप्त करता है।



4. गृहस्थों के लिए भी लाभकारी:

गुप्त नवरात्रि केवल साधकों के लिए ही नहीं, आम गृहस्थ भी मां दुर्गा की उपासना, दुर्गा सप्तशती पाठ, नवदुर्गा पूजा कर अपने जीवन में शांति, समृद्धि और सुरक्षा प्राप्त कर सकते हैं।


गुप्त नवरात्रि में क्या न करें?


मांस, मदिरा, लहसुन-प्याज और तामसिक भोजन का परहेज करें।


अनावश्यक वाद-विवाद, क्रोध और लोभ से बचें।


साधना का उपहास या अपमान न करें।


आषाढ़ गुप्त नवरात्रि 2025 आत्मशक्ति, साधना और मानसिक शांति की प्राप्ति का दुर्लभ अवसर है। चाहे आप तांत्रिक साधक हों या सामान्य भक्त, यह पर्व आपके जीवन को आध्यात्मिक ऊर्जा, सुरक्षा और संतुलन से भर सकता है। मां दुर्गा की कृपा से आप नकारात्मकता को हटाकर जीवन में नवप्रकाश ला सकते हैं।

ये भी पढ़ें
सीएम की घोषणा,कटंगी और पौड़ी बनेगी तहसील,लाड़ली बहना योजना सम्मेलन में शामिल हुए सीएम
...

Spiritual

See all →
Sanjay Purohit
आषाढ़ गुप्त नवरात्रि 2025: तंत्र साधना और आत्मशक्ति का पर्व
भारत की सांस्कृतिक परंपराओं में नवरात्रि का विशेष स्थान है। वैसे तो लोग चैत्र और शारदीय नवरात्रि से अधिक परिचित होते हैं, लेकिन गुप्त नवरात्रि—विशेषकर आषाढ़ और माघ मास में आने वाली—तांत्रिक साधना, आत्मबल, और आंतरिक सिद्धियों की दृष्टि से अत्यंत महत्वपूर्ण मानी जाती है।
43 views • 11 hours ago
payal trivedi
Jagannath Rath Yatra 2025: रथ यात्रा में भगवान जगन्नाथ पहनते हैं अलग-अलग रंगों के वस्त्र, जानिए कहां और कैसे बनते हैं ये खास परिधान
ओडिशा के पुरी स्थित प्रसिद्ध श्री जगन्नाथ मंदिर में इस वर्ष आषाढ़ शुक्ल पक्ष की द्वितीया तिथि को यानी 27 जून 2025 को भव्य रथ यात्रा निकाली जाएगी।
67 views • 11 hours ago
Sanjay Purohit
भारतीय समाज में रत्नों का महत्व
भारतीय संस्कृति में रत्नों का अत्यंत महत्वपूर्ण स्थान रहा है। प्राचीन काल से ही रत्नों को न केवल सौंदर्यवर्धक वस्तु के रूप में देखा गया है, बल्कि उन्हें आध्यात्मिक, चिकित्सीय और ज्योतिषीय दृष्टिकोण से भी बेहद प्रभावशाली माना गया है। विभिन्न धर्मग्रंथों, पुराणों और आयुर्वेदिक ग्रंथों में रत्नों की महत्ता का वर्णन मिलता है।
75 views • 12 hours ago
Durgesh Vishwakarma
ऋषिकेश के फ़ेमस मंदिर: छुट्टियों में इन 5 मंदिरों के करें दर्शन
ऋषिकेश न केवल प्राकृतिक सौंदर्य और योग के लिए प्रसिद्ध है, बल्कि इसके पवित्र मंदिर भी श्रद्धालुओं को आध्यात्मिक शांति प्रदान करते हैं।
52 views • 13 hours ago
Sanjay Purohit
दश महाविद्या: "महान ज्ञान"
दश महाविद्या (दस महान ज्ञान की देवीयाँ) तंत्र साधना की परंपरा में विशेष स्थान रखती हैं। यह दस शक्तियाँ देवी पार्वती (या सती) के दस रूप मानी जाती हैं, जो भक्तों को ज्ञान, मुक्ति, शक्ति, समृद्धि, और आध्यात्मिक उन्नति प्रदान करती हैं। "महाविद्या" का अर्थ है — "महान ज्ञान" या "श्रेष्ठ ज्ञान की देवी"।
17 views • 15 hours ago
Durgesh Vishwakarma
भगवान के मंत्र लिखे कपड़े पहनने वालों को प्रेमानंद महाराज की चेतावनी?
प्रेमानंद महाराज (वृन्दावन वाले) ने हाल ही में उन लोगों को स्पष्ट चेतावनी दी है, जो पहनने वाले कपड़ों पर भगवान—जैसे राम, महादेव, राधा—के नाम या चित्र छापते/दिखाते हैं।
9 views • 16 hours ago
Richa Gupta
योगिनी एकादशी के दिन कौन-कौन सी गलतियां नहीं करनी चाहिए ?
योगिनी एकादशी हिन्दू पंचांग के अनुसार आषाढ़ मास के कृष्ण पक्ष की एकादशी तिथि को आती है। यह व्रत भगवान विष्णु को समर्पित होता है और विशेष रूप से पापों से मुक्ति और स्वास्थ्य लाभ देने वाला माना जाता है।
27 views • 2025-06-19
payal trivedi
Nag Panchami 2025: कब मनाई जाएगी नाग पंचमी? जानें पूजा का सही समय और जरूरी सावधानियां
सावन मास के शुक्ल पक्ष की पंचमी तिथि को हर वर्ष नाग पंचमी का पर्व श्रद्धा और आस्था के साथ मनाया जाता है। इस दिन विशेष रूप से नाग देवता की पूजा का विधान है।
74 views • 2025-06-19
payal trivedi
Pradosh Vrat 2025: भगवान शिव की कृपा प्राप्ति के लिए करें व्रत, यहां जानें प्रदोष व्रत का महत्व और पूजा विधि
प्रदोष व्रत भगवान शिव को समर्पित एक महत्वपूर्ण व्रत है, जो हर महीने में दो बार आता है। इस व्रत को करने से साधक को रुके हुए काम पूरे होते हैं और जीवन में सुख-शांति बनी रहती है।
74 views • 2025-06-18
Sanjay Purohit
नीम करोली बाबा को ऐसे ही नहीं कहा जाता हनुमानजी का अवतार
कैंची धाम में नीम करोली बाबा का आश्रम है, जहां बाबा के दर्शन के लिए दूर-दूर से श्रद्धालु आते हैं। मान्यता है कि बाबा हनुमानजी के अवतार हैं। लोग उनके चमत्कारों के आगे नतमस्तक हो जाते हैं।
28 views • 2025-06-18
...