


भगवान जगन्नाथ की रथ यात्रा आज शुक्रवार से शुरू हो रही है, जिसके लिए पुरी के जगन्नाथ मंदिर में श्रद्धालुओं की भारी भीड़ उमड़ी है। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने भगवान जगन्नाथ की रथ यात्रा के शुभ अवसर पर शुभकामनाएं दीं। उन्होंने देशवासियों के उत्तम स्वास्थ्य और समृद्धि की मंगलकामना की।
पीएम मोदी ने एक्स पर कहा
पीएम मोदी ने एक्स पर कहा “भगवान जगन्नाथ की रथ यात्रा के पवित्र अवसर पर सभी देशवासियों को मेरी ढेरों शुभकामनाएं। श्रद्धा और भक्ति का यह पावन उत्सव हर किसी के जीवन में सुख, समृद्धि, सौभाग्य और उत्तम स्वास्थ्य लेकर आए, यही कामना है। जय जगन्नाथ!”
पीएम मोदी ने एक वीडियो भी साझा किया
प्रधानमंत्री ने बधाई संदेश के अलावा अपने पोस्ट के साथ एक वीडियो भी साझा किया है, जिसमें वो भगवान जगन्नाथ की रथयात्रा के बारे में बता रहे हैं। वीडियो संदेश में कहा गया, “महाप्रभु हमारे लिए अराध्य भी हैं, प्रेरणा भी हैं। जगन्नाथ हैं, तो जीवन है। भगवान जगन्नाथ जनता जनार्दन को दर्शन देने के लिए नगर भ्रमण के लिए जा रहे हैं।”
प्रधानमंत्री ने वीडियो में रथयात्रा की खूबियों के बारे में बताया
इसके अलावा, प्रधानमंत्री आगे वीडियो में रथयात्रा की खूबियों के बारे में भी बताते हैं। कहते हैं कि रथयात्रा की पूरी दुनिया में एक विशिष्ट पहचान है। देश के अलग-अलग राज्यों में बहुत-बहुत धूमधाम से रथयात्रा निकाली जा रही है। ओडिशा के पुरी में निकाली जा रही रथयात्रा अपने आप में अद्भुत है। पीएम मोदी वीडियो में कहते हैं कि इन रथ यात्राओं में जिस तरह से हर वर्ग, हर समाज के लोग उमड़ते हैं, वो अपने आप में बहुत अनुकरणीय है। यह आस्था के साथ एक भारत श्रेष्ठ भारत का भी प्रतिबिंब है। इस पावन अवसर पर आप सभी को बहुत-बहुत बधाई।
साथ ही, प्रधानमंत्री ने अपने एक अन्य पोस्ट में आषाढ़ी बीज के विशेष अवसर पर दुनियाभर के कच्छी समुदाय के लोगों को भी शुभकामनाएं दीं। उन्होंने कहा, “आषाढ़ी बीज के विशेष अवसर पर, विशेष रूप से दुनिया भर के कच्छी समुदाय को शुभकामनाएं। आने वाला वर्ष सभी के लिए शांति, समृद्धि और उत्तम स्वास्थ्य लेकर आए।”
जगन्नाथ रथ यात्रा
जगन्नाथ रथ यात्रा, जिसे रथ महोत्सव या श्री गुंडिचा यात्रा के नाम से भी जाना जाता है, ओडिशा में प्रतिवर्ष मनाया जाने वाला एक प्रमुख हिंदू त्योहार है। यह द्वितीया तिथि को मनाया जाता है, जो कि चंद्र मास के शुक्ल पक्ष का दूसरा दिन होता है। यह समय चंद्रमा की बढ़ती चमक के कारण आध्यात्मिक रूप से शुभ माना जाता है।
लाखों की संख्या में श्रद्धालु प्रसिद्ध रथ यात्रा के लिए एकत्र हुए हैं, क्योंकि भगवान जगन्नाथ, उनके भाई बलभद्र और बहन सुभद्रा आज अपने निवास, 12वीं शताब्दी के मंदिर से गुंडिचा मंदिर के लिए नौ दिवसीय प्रवास पर निकलने की तैयारी कर रहे हैं। आनंद से अभिभूत भक्तगण भगवान जगन्नाथ, बलभद्र और सुभद्रा के रथों – क्रमशः नंदीघोष, तलध्वज और दर्पदलन – को लगभग 3 किमी तक गुंडिचा मंदिर तक खींचेंगे, जिसके बारे में कुछ किंवदंतियों के अनुसार चतुर्धा मूर्ति (भगवान जगन्नाथ, भगवान बलभद्र, मां सुभद्रा और सुदर्शन) का जन्मस्थान माना जाता है।
बता दें कि देशभर में प्रभु जगन्नाथ की रथ यात्रा निकाली जाती है। वहीं, ओडिशा के पुरी की यात्रा सबसे बड़ी होती है। ओडिशा के पुरी से शुरू हुई यह जगन्नाथ यात्रा गुंडिचा मंदिर तक जाएगी। यह यात्रा 12 दिनों तक चलेगी। इसका समापन 15 जुलाई को नीलाद्रि विजय के साथ होगा, जब भगवान अपने मूल मंदिर लौटेंगे। इस यात्रा की तैयारी महीनों पहले शुरू हो जाती है। इस यात्रा के दौरान कई तरह के धार्मिक अनुष्ठान आयोजित किए जाते हैं। राज्य सरकार के विभिन्न विभागों ने सुचारू एवं दुर्घटना मुक्त रथ यात्रा सुनिश्चित करने के लिए व्यापक तैयारियां की हैं।