


मध्य प्रदेश कांग्रेस संगठन में एक बड़ा और रणनीतिक बदलाव किया गया है। पार्टी ने अब जिला कार्यकारिणी को छोटा, संतुलित और प्रभावी बनाने का नया फार्मूला लागू किया है। इस नई नीति का उद्देश्य संगठन को अधिक चुस्त-दुरुस्त बनाना और निर्णय प्रक्रिया को तेज करना है। पार्टी ने जिला कार्यकारिणी को लेकर एक प्लान बनाया है। इसे लेकर सर्कुलर जारी किया गया है। बताया जा रहा है कि जिला कार्यकारिणी छोटी और संतुलित होगी। दिल्ली से निर्देश हैं कि तीन महीने में वार्ड से लेकर शहर की कार्यकारिणी बनाई जाए।
जिले में 50 सदस्यों की टीम होगी
एमपी कांग्रेस ने जिला कार्यकारिणी को लेकर प्लान तैयार किया है। इस बार जिला कार्यकारिणी छोटी और संतुलित होगी। दो विधानसभाओं वाले जिले में 50 सदस्यों की टीम होगी। तीन से चार विधानसभाओं वाले जिलों में 70 सदस्यीय और चार से ज्यादा विधानसभा वाले जिलों में अधिकतम 100 सदस्य रहेंगे।
इससे पहले 200 से 300 तक नाम पहुंच जाते थे
आपको बता दें कि पहले जिला कार्यकारिणी में 200 से 300 तक नाम पहुंच जाते थे। इस बार कांग्रेस ने जम्बो सूची की जगह छोटी और संतुलित कार्यकारिणी बनाने की तैयारी में है। लेकिन आने वाले समय में पार्टी की मुश्किलें कम नहीं होंगी। क्यों कि जिला अध्यक्ष की सूची जारी होने के बाद कई जगहों पर विरोध के सुर उठे थे। कांग्रेस को इस विरोध के बीच छोटी और संतुलित कार्यकारिणी बनाना और भी ज्यादा चुनौतीपूर्ण होगा।