नर्मदा नदी को दैवीय जीवनदायिनी मां नर्मदा के रूप में पूजा जाता है। प्रदेश और देश के करोड़ों श्रद्धालु हर साल अमरकंटक से लेकर अरब सागर तक और वापस अमरकंटक तक नर्मदा की परिक्रमा करते हैं। अब नर्मदा परिक्रमा करने वाले श्रद्धालुओं को परिचय प्रमाण पत्र प्रदान किया जाएगा, जिसे ग्राम पंचायत जारी करेगी। इस संबंध में जिला पंचायत की मुख्य कार्यपालन अधिकारी अर्चना कुमारी ने आवश्यक दिशा-निर्देश जारी किए हैं।
प्रमाण पत्र की आवश्यकता
ग्रामीण क्षेत्र में परिक्रमा करने वाले श्रद्धालुओं के पास नर्मदा परिक्रमा वासी होने के दस्तावेज नहीं होने के कारण वे परिक्रमा के रास्ते में किसी ग्राम या ग्राम पंचायत में प्रवेश के समय अपनी पहचान प्रमाणित करने में कठिनाई का सामना करते थे। इसे ध्यान में रखते हुए, राज्य शासन के पंचायत राज संचालनालय ने निर्देश दिए हैं कि ग्राम पंचायतों द्वारा परिक्रमा करने वालों को प्रमाण पत्र जारी किया जाए।
प्रमाण पत्र प्राप्त करने की प्रक्रिया-
- परिक्रमावासी को अपने ग्राम पंचायत में सादे कागज पर आवेदन प्रस्तुत करना होगा।
- आवेदन के साथ दो पासपोर्ट साइज फोटो और पहचान पत्र (ID proof) जमा करना होगा।
- ग्राम पंचायत आवेदन मिलने के बाद, निर्धारित प्रारूप-2 में प्रमाण पत्र जारी करेगी।
- प्रमाण पत्र जारी करने की जानकारी निर्धारित प्रारूप-3 के अनुसार रजिस्टर में दर्ज की जाएगी।
प्रमाण पत्र के लाभ-
- परिक्रमावासी किसी भी नर्मदा घाटी के गांव में आसानी से प्रवेश कर सकेंगे।
- रास्ते में आवश्यकता पड़ने पर ग्राम पंचायत का प्रमाण पत्र दिखाकर पहचान सुनिश्चित कर सकते हैं।
- स्थानीय पुलिस और प्रशासन भी इस प्रमाण पत्र को मान्य पहचान के रूप में स्वीकार करेंगे।
- इस पहल से नर्मदा परिक्रमा करने वाले श्रद्धालुओं की यात्रा सरल और सुरक्षित होगी।