


कई लोगों को आदत होती है कि बिस्तर पर लेट जाते हैं, लेकिन नींद नहीं आती है और करवटें बदलते रहते हैं। कुछ लोगों की सोने की पोजीशन ही सही नहीं होती है और पेट के बल सो जाते हैं। अगर आप भी उन लोगों में से हैं, तो जरा रुक जाएं। क्योंकि ऐसा करने से आपको कई सेहत से जुड़ी समस्याएं हो सकती हैं। हालांकि, पेट के बल सोने से कुछ लोगों को आराम मिल सकता है, लेकिन यह कई सारी सेहत से जुड़ी समस्याओं का कारण बन सकता है। पेट के बल सोने की आदत कई लोगों में आम है, लेकिन यह स्वास्थ्य के लिए हानिकारक साबित हो सकती है। विशेषज्ञों के अनुसार, इस सोने की स्थिति से शरीर पर कई नकरात्मक प्रभाव पड़ सकते हैं।
पेट के बल सोने के प्रमुख नुकसान:
गर्दन और रीढ़ में दर्द
पेट के बल सोने से गर्दन और रीढ़ की हड्डी पर दबाव बढ़ता है, जिससे दर्द और असुविधा हो सकती है।
सांस लेने में कठिनाई
इस स्थिति में डायाफ्राम पर दबाव पड़ता है, जिससे गहरी सांस लेना मुश्किल हो सकता है।
चेहरे पर झुर्रियाँ
पेट के बल सोने से चेहरे पर तकिया का दबाव पड़ता है, जिससे झुर्रियाँ और त्वचा की समस्याएँ हो सकती हैं।
गर्भवती महिलाओं के लिए जोखिम
गर्भावस्था के दौरान पेट के बल सोने से रक्त संचार में रुकावट आ सकती है, जो माँ और बच्चे दोनों के लिए हानिकारक हो सकता है।
बेहतर सोने की स्थिति:
पीठ के बल सोना: यह रीढ़ की हड्डी को सीधा रखता है और दर्द को कम करता है।
बाईं ओर करवट लेकर सोना: यह गर्भवती महिलाओं के लिए सुरक्षित है और रक्त संचार को बेहतर बनाता है।
सोने की आदत बदलने के सुझाव:
सोते समय शरीर के चारों ओर तकिया लगाएँ ताकि पेट के बल सोने से बचा जा सके।
धीरे-धीरे सोने की स्थिति बदलने की कोशिश करें और शरीर को नई स्थिति में आरामदायक महसूस कराएँ।