


उत्तराखंड में बिजली विभाग की ओर से प्रीपेड स्मार्ट मीटर लगाने की कवायद तेज हो चुकी है, लेकिन रामनगर में इसका विरोध शुरू हो गया है। कांग्रेस नेता रणजीत रावत ने मीटर लगाने का विरोध करते हुए हंगामा किया और मीटर तोड़ दिया।
रणजीत रावत का आरोप
रणजीत रावत ने आरोप लगाया कि प्रीपेड स्मार्ट मीटर की कीमत करीब 25 हजार रुपये है, जिसका बोझ सीधे जनता पर डाला जाएगा। उन्होंने सवाल उठाया कि अगर ये मीटर फ्री हैं तो बिजली विभाग लिखकर क्यों नहीं देता कि कोई पैसा नहीं लिया जाएगा?
बिल की राशि का खुलासा
रणजीत रावत ने खुलासा किया कि हल्द्वानी में एक उपभोक्ता को स्मार्ट मीटर में 46 लाख और रामनगर के गायत्री विहार में 47 लाख 90 हजार से ज्यादा का बिल भेजा गया, जबकि वहां ना एसी है और ना गीजर।
अडानी के बिजनेस से जोड़ते हुए
रणजीत रावत ने इस पूरी योजना को अडानी के बिजनेस से जोड़ा और कहा कि ये सरकार देश नहीं, कॉरपोरेट चला रही है और जनता की जेब में मीटर के नाम पर सेंध लगा रही है।
विरोध के चलते केस दर्ज
विरोध के चलते रणजीत रावत पर मुकदमा भी दर्ज किया गया, लेकिन उन्होंने साफ कहा कि मैं कांग्रेस का सिपाही हूं, मुकदमे झेलूंगा, लेकिन डरूंगा नहीं। उन्होंने कहा कि ये मीटर नहीं, स्मार्ट लूट है और इसे रोका जाएगा।
सरकार की भूमिका
सरकार की भूमिका पर सवाल उठाते हुए रणजीत रावत ने कहा कि सरकार को जनता के हित में फैसला लेना चाहिए, न कि कॉरपोरेट के हित में। उन्होंने कहा कि प्रीपेड स्मार्ट मीटर की योजना को तुरंत बंद किया जाना चाहिए।