


पुरी के विश्वप्रसिद्ध श्री जगन्नाथ मंदिर को लेकर मिली धमकी ने न केवल स्थानीय प्रशासन बल्कि पूरे देश को चिंता में डाल दिया है। यह मंदिर न केवल धार्मिक आस्था का प्रतीक है, बल्कि सांस्कृतिक और ऐतिहासिक धरोहर का भी अद्वितीय उदाहरण है। ऐसे में किसी भी तरह का खतरा लोगों के भावनात्मक जुड़ाव और राष्ट्रीय धरोहर दोनों पर चोट करता है।
मामला तब सामने आया जब मंदिर के पास स्थित एक छोटे मंदिर की दीवार पर आपत्तिजनक और भयावह संदेश लिखा पाया गया। संदेश में स्पष्ट चेतावनी दी गई थी कि आतंकवादी मंदिर को ध्वस्त कर देंगे, साथ ही एक फोन नंबर और ‘पीएम मोदी’ व ‘दिल्ली’ जैसे शब्द भी अंकित थे। इस तरह के उल्लेख ने मामले को और गंभीर बना दिया तथा संदेह की कई परतें खोल दीं।
घटना की जानकारी मिलते ही प्रशासन हरकत में आया। पुलिस ने स्थल का मुआयना किया, आसपास के सीसीटीवी फुटेज खंगालने शुरू किए और संदिग्धों की तलाश में विशेष टीम गठित की। सुरक्षा को देखते हुए मंदिर परिसर और उसके आसपास के क्षेत्रों में गश्त और चौकसी बढ़ा दी गई। खुफिया एजेंसियों को भी सतर्क किया गया ताकि किसी संभावित खतरे को समय रहते टाला जा सके।
स्थानीय श्रद्धालुओं में इस घटना से गहरी चिंता व्याप्त है। उनके लिए यह मंदिर केवल पूजा का स्थल नहीं, बल्कि उनकी पहचान और विरासत का हिस्सा है। धमकी का स्वरूप ऐसा है जिसने भावनात्मक आघात के साथ-साथ सुरक्षा व्यवस्था की कमियों पर भी सवाल खड़े कर दिए हैं।