


मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने कहा है कि रक्षाबंधन केवल एक पर्व नहीं, बल्कि भारतीय संस्कृति में भाई-बहन के अमिट रिश्ते का प्रतीक है, जो सामाजिक एकता और पारिवारिक मूल्यों को मजबूत करता है। रक्षाबंधन केवल भाई-बहन के प्रेम का पर्व नहीं, बल्कि नारी गरिमा और सामाजिक सुरक्षा का भी संदेश है। मुख्यमंत्री ने कहा कि भारतीय संस्कृति की विशेषता है कि हर रिश्ता परिभाषित और पूज्यनीय होता है। उन्होंने द्रौपदी और श्रीकृष्ण की रक्षाबंधन कथा का उल्लेख करते हुए इसे भाई-बहन के रिश्ते की शक्ति का प्रतीक बताया, जहाँ श्रीकृष्ण ने जीवनभर द्रौपदी की रक्षा का संकल्प निभाया। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि मध्यप्रदेश सरकार बहनों के कल्याण और सशक्तिकरण के लिये निरंतर कार्य कर रही है।
मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने गुरूवार को राजगढ़ जिले के नरसिंहगढ़ में मुख्यमंत्री लाड़ली बहना योजना के राज्य-स्तरीय कार्यक्रम में प्रदेश की 1 करोड़ 26 लाख 89 हजार लाड़ली बहनों के खातों में 1,859 करोड़ रुपए अंतरित किये। साथ ही उज्जवला योजना के अंतर्गत 28 लाख से अधिक बहनों को 43.90 करोड़ सहायता राशि का सिंगल क्लिक से अंतरण किया। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने विभिन्न योजनाओं के हितलाभ वितरण भी किये। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कार्यक्रम का शुभारंभ दीप प्रज्ज्वलन और कन्या-पूजन कर किया।
मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि हजारों साल से भारतीय कुटुम्ब परंपरा में सभी रिश्तों का महत्व है। भांजी का विवाह करना, बेटी का विवाह करने से बढ़कर माना गया है। भारतीय संस्कृति में भांजे-भांजियों को अपने बच्चों से बढ़कर माना जाता है। बहनों की राखी और आशीर्वाद से शक्ति मिलती है। भारतीय संस्कृति में भाइयों ने सदैव बहनों की रक्षा की जैसे महाभारत काल में भगवान श्रीकृष्ण ने द्रौपदी की रक्षा की थी।
मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी के सशक्त नेतृत्व से देश में आतंकी घटनाएं बंद हो गई हैं। ऑपरेशन सिंदूर चलाकर दुश्मन को खत्म किया है। भाई अपनी जान की परवाह किए बिना बहन के सिंदूर की रक्षा करते हैं। बहनों का सुहाग उजाड़ने वालों को सबक सिखाया। इस बार 15 अगस्त ऑपरेशन सिंदूर के नाम होगा। जब देश सुरक्षित रहेगा तो भाई-बहन का रिश्ता सुरक्षित रहेगा। दुनिया के 200 से अधिक देशों में कोई देश को माता की तरह नहीं मानता है। हम अपने देश को माता की तरह देखते हैं। इसीलिए भारत माता की जय बोलते हैं।
मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि सरकार ने लाड़ली बहनों को दी जा रही राशि 1000 से बढ़ाकर अब 1250 रुपए हो चुकी है। इसे आगे 3 हजार रुपए तक लेकर जाएंगे। राज्य सरकार ने अब तक 41 हजार करोड़ से अधिक राशि लाड़ली बहनों को बांटी है। प्रदेश में 1 करोड़ 27 लाख लाड़ली बहनें हैं। गुना-शिवपुरी बाढ़ आपदा के निरीक्षण करने के दौरान वहां बहनें अपने दुख भूलकर हाथों में थालियां लिए खड़ी थीं। नरसिंहगढ़ में भी बहनों के स्नेह की अभिव्यक्ति देखने को मिली।
मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि लाड़ली बहनों को अगस्त में 250 रुपए के शगुन के साथ 1500 रुपए भेजे जा रहे हैं। दीपावली के बाद लाड़ली बहनों को हर माह 1500 रुपए दिए जाएंगे। अगले तीन साल में 2028 तक 3000 रुपए बहनों के खाते में आएंगे। प्रधानमंत्री श्री मोदी के संकल्प से स्वसहायता समूह की कई बहनें लखपति हो गई हैं। राज्य सरकार बहनों को रोजगार आधारित उद्योगों में काम करने पर 6 हजार रुपए की सहायता देगी। भाईयों को भी 5 हजार की सहायता देंगे। बहनों के लिए कार्यस्थल पर हॉस्टल बना रहे हैं। बहनों को गौपालन योजना के अंतर्गत 35 प्रतिशत अनुदान दिया जा रहा है। प्रदेश में दूध उत्पादन बढ़ाने के लिए राज्य सरकार संकल्पित है।