


प्रदेश के सभी शासकीय एवं अनुदान प्राप्त प्राथमिक, माध्यमिक तथा कक्षा 1 से 8 तक की संयुक्त माध्यमिक शालाओं में शाला प्रबंधन समितियों (SMC) का गठन 29 अगस्त 2025 को किया जाएगा। इस संबंध में राज्य शिक्षा केंद्र द्वारा सभी जिलों के कलेक्टर्स को समुचित व्यवस्था सुनिश्चित करने हेतु विस्तृत निर्देश जारी किए गए हैं।
शिक्षा का अधिकार अधिनियम के अंतर्गत, इन समितियों का गठन दो वर्षीय कार्यकाल के लिए किया जाता है, ताकि स्कूलों के बेहतर प्रबंधन, शैक्षिक गतिविधियों के क्रियान्वयन और छात्रों के समग्र विकास को सुनिश्चित किया जा सके।
शाला प्रबंधन समितियों की मुख्य भूमिका
बच्चों का शाला नामांकन
नियमित उपस्थिति सुनिश्चित करना
गुणवत्तापूर्ण शिक्षा प्रदान कराना
अधोसंरचना विकास
बच्चों के बहुआयामी विकास में सहभागिता
कौन होंगे समिति में शामिल?
स्कूल में अध्ययनरत छात्रों के 14 पालक/अभिभावक
प्रधान शिक्षक (सदस्य सचिव के रूप में)
वरिष्ठतम महिला शिक्षिका
संबंधित क्षेत्र के पंच/पार्षद/सरपंच/महापौर द्वारा नामित महिला प्रतिनिधि
समिति के अध्यक्ष और उपाध्यक्ष का चयन अभिभावकों में से किया जाएगा।
83 हजार से अधिक स्कूलों में होगा गठन
प्रदेश के लगभग 83,000 प्राथमिक एवं माध्यमिक शालाओं में इन समितियों का गठन किया जाएगा, जिनका कार्यकाल 2025-26 और 2026-27 तक यानी दो शैक्षणिक सत्रों तक रहेगा।