


लोकेश मुनि (Lokesh Muni) ने तीखे तेवर दिखाते हुए कहा कि, वे बलिदान स्वीकार कर सकते हैं, लेकिन अपने सामने अपनी धर्म और संस्कृति का अपमान बर्दाश्त नहीं कर सकते हैं। उन्होंने (Lokesh Muni) आगे कहा कि, यही वजह है कि, उन्होंने मौलाना अरशद महमूद के बयान का विरोध किया था।
बलिदान स्वीकार, धर्म का अपमान बर्दाश्त नहीं - Lokesh Muni
लोकेश मुनि ने इस मामले को लेकर एक वीडियो ट्वीट कर लिखा कि, मुझे बलिदान मंजूर था। मैं अपनी आंखों के सामने अपने धर्म और संस्कृति का अपमान बर्दाश्त नहीं कर सकता। इस कारण ही मैंने विरोध किया और शास्त्रार्थ की चुनौती दी हैं।
जैन मुनि लोकेश के विरोध के बाद हिंदू और जैन धर्मगुरुओं ने जमीयत का मंच छोड़ दिया था
आपको बता दें कि, जैन मुनि लोकेश ने 12 फरवरी को दिल्ली के रामलीला मैदान में जमीयत के मंच से मदनी को चुनौती दी थी। जिस समय उन्होंने मदनी का विरोध किया उस समय वहां मुस्लिम भीड़ मौजूद थी। जैन मुनि लोकेश के विरोध के बाद हिंदू और जैन धर्मगुरुओं ने जमीयत का मंच छोड़ दिया था। आपको बता दें कि, मौलाना अरशद ने मंच से मनु, आदम एंव ॐ और अल्लाह को एक बताया था।
मदनी ने जो कहा है, उससे कोई भी सहमत नहीं है
जैन धर्मगुरु लोकेश मुनि ने मौलाना मदनी को फटकार लगाते हुए कहा, मदनी ने जो कहा है, उससे कोई भी सहमत नहीं है। मैं आपसे निवेदन करता हूँ कि, यदि लोगों को जोड़ने की बात आपको करनी है तो प्यार-मोहब्बत की बात कीजिए। उन्होंने आगे कहा कि, आपने जितनी कहानी सुनाई है ॐ, अल्लाह, मनु ये वो उससे कहीं अधिक 4 गुना कहानी मैं सुना सकता हूँ। मदनी साहब को मैं शास्त्रार्थ के लिए बुला रहा हूँ। आप दिल्ली आइए या मुझे सहारनपुर बुलाइए।
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