


निजी स्कूलों में पड़ने वाले बच्चों के पालकों के लिए बड़ी राहत की खबर है। स्कूल शिक्षा विभाग ने निजी स्कूलों की मनमानी पर रोक लगाने के लिए एक और प्रयास किया है। अगर ये प्रयास सफल होता है तो निजी स्कूलों पर नियंत्रण स्थापित होगा। साथ ही खुले तौर पर निजी प्रकाशकों की पुस्तकों के नाम पर लूटें जाने पर भी लगाम लगेगी।
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बता दें, कि पुस्तक वितरण को लेकर स्कूल शिक्षा विभाग ने 6 बिंदुओं पर आदेश जारी किया है। जो निजी स्कूलों के पालकों के लिए राहत की बात है, क्योंकि लगभग सभी प्राइवेट स्कूल अपने ढ़ंग से पुस्तक प्रकाशित कर एक-एक पुस्तक 1 हजार से 5 हजार तक बेची जाती है। अशासकीय गैर अनुदान प्राप्त विद्यालयों के विद्यार्थियों के लिए निशुल्क पाठ्य पुस्तकों की मांग पर छत्तीसगढ़ पाठ्य पुस्तक निगम द्वारा सीधे डिपो से वितरित की जाएगी। जो विद्यालय छत्तीसगढ़ पाठ्य पुस्तक निगम की पुस्तकें निशुल्क प्राप्त करेंगे उन्हे स्कूल के सभी कक्षाओं में केवल छत्तीसगढ़ पाठ्य पुस्तक निगम की पुस्तक का उपयोग करना होगा। वे निजी प्रकाशनों की पुस्तकों का उपयोग नहीं करेंगे।
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आरटीई के अंतर्गत दी जाने वाली राशि में ऐसे विद्यालयों के लिए प्राथमिक स्तर पर 250 रुपए प्रति विद्यार्थी तथा पूर्व माध्यमिक स्तर पर 450 रुपए प्रति विद्यार्थी उसका का ग्रांट कटौती की जाएगी। अशासकीय गैर अनुदान प्राप्त विद्यालय अंडरटेकिंग देंगे कि स्कूल बंद होने की स्थिति में सभी विद्यार्थियों को उनके घर पहुंचा कर पाठ्यपुस्तकों का वितरण करेंगे। ऐसे अशासकीय या अनुदान प्राप्त विद्यालयों द्वारा निशुल्क पाठ्य पुस्तकों की मांग करने की आखिरी तारीख 30 सितंबर होगी जिसके पश्चात मांग करने पर उन्हें निशुल्क पाठ्य पुस्तक नहीं दी जाएगी।