


संतोष शर्मा
छत्तीसगढ़ में तबादलों पर लगा बैन जल्द हट सकता है। इसके लिए गठित की गई मंत्रिमंडलीय उप समिति ने अपनी सिफारिश सीएम भूपेश बघेल को भेज दी है। वहीं इस सिफारिश के बाद तबादलों को लेकर सियासत शुरू हो गई है। विपक्ष ने भूपेश सरकार पर तबादला उद्योग चलाने का आरोप लगाया है। वहीं सीएम भूपेश ने विपक्ष के वार पर पलटवार करते हुए तंज कसा है।
सरकार ने बनाई थी समिति-
प्रदेश में कोरोना काल से कर्मचारियों के तबादलों पर रोक लगी थी। इसकी वजह से तबादले का इंतजार कर रहें सरकारी कर्मचारी परेशान हैं। सरकार ने तबादला नीति के लिए मंत्रिमंडलीय उप समिति गठित की थी। समिति गृहमंत्री ताम्रध्वज साहू की अध्यक्षता में बनाई गई थी। समिति में वन मंत्री मोहम्मद अकबर, शिक्षा मंत्री डॉक्टर प्रेमसाय सिंह टेकाम, नगरीय प्रशासन मंत्री डॉक्टर शिव कुमार डहरिया और महिला एवं बाल विकास मंत्री अनिला भेंडिया को शामिल हैं।
20 जुलाई को हुई थी बैठक-
समिति की पहली बैठक विधानसभा परिसर में ही हुई थी.. इसके बाद सोमवार को समिति की दूसरी बैठक हुई। इसमें तबादला नीति के प्रस्ताव को अंतिम रूप दे दिया गया। बताया जा रहा है कि समिति ने इस प्रस्ताव को मुख्यमंत्री सचिवालय को भेजा दिया है। एक-दो दिन में नई नीति को मंजूरी मिल सकती है।
नीति में मंत्रियों को तवज्जो-
नई तबादला नीति में मंत्रियों को तवज्जो दी गई है। विभागीय मंत्री अखिल भारतीय सेवा को छोड़कर प्रथम और द्वितीय श्रेणी के अधिकारियों के तबादले कर सकेंगे। वहीं प्रभारी मंत्री के अनुमोदन से कलेक्टर तृतीय और चतुर्थ श्रेणी के कर्मचारियों का तबादला कर पाएंगे। उप समिति ने तबादले का कोटा 10% से अधिक करने की सिफारिश भी की है।
पैसे लेकर तबादले का आरोप-
वहीं तबादलों को लेकर सियासत शुरू हो गई है। भाजपा ने इसको लेकर भूपेश सरकार पर निशाना साधा है। विपक्ष ने सरकार पर पैसे लेकर तबादला करने का आरोप लगाया है। भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष विष्णुदेव साय ने कहा कि तबादला उद्योग चला रहे हैं। बड़े अधिकारियों का लगातार तबादला कर रहे हैं,लेकिन छोटे कर्मचारियों के लिए रोक नहीं हटाई जा रही है।
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भाजपा को सपने दिखता है पैसा-
भाजपा के आरोपों पर सीएम भूपेश बघेल ने पलटवार किया है। सीएम भूपेश ने तंज कसते हुए कहा कि भाजपा को सपने में भी पैसा दिखाई देता है। 15 सालों तक ये क्या कर रहे थे। तबादला व्यवस्था सुधारने के लिए किया जाता है।