


मध्यप्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने सुशासन के लिए कई नवचार किए। इन्हीं नवाचारों में से एक है सीएम हेल्पलाइन। इसका उद्देश्य नागरिकों की समस्या का सीधा समाधान करना ताकि उनको परेशानी ना हो। हालांकि अब इसी हेल्पलाइन ने सरकार को सिरदर्द दे दिया है। इसके चलते अब मोहन सरकार अलग रुख अपनाते हुए दिख रही है।
सरकार अब झूठी और बार-बार शिकायत करने वालों पर सख्ती बरतने के मूड में दिख रही है। इसके लिए सरकार ने सभी कलेक्टरों से रिपोर्ट मांगी है। इसके बाद सीएम हेल्पलाइन पोर्टल पर अनावश्यक शिकायत दर्ज करने वाले लोगों को चिह्नित करके उन्हें ब्लैकलिस्ट किया जाएगा।
ऐसे होती है समाधान की प्रक्रिया
सीएम हेल्पलाइन पर शिकायत जब्त होते ही इसके समाधान की प्रक्रिया शुरू हो जाती है। शिकायत दर्ज होते ही जब तहसील, जिला या संभाग स्तर पर समाधान नहीं होता है। तब मुख्यमंत्री कार्यालय तक यह शिकायत पहुंच जाती है। मुख्यमंत्री खुद नियमित इसकी मॉनिटरिंग करते हैं और लंबित मामलों की ऑनलाइन सुनवाई खुद करते हैं।
झूठी शिकायतें भी होती है
शिकायतों के समाधान के समय कई बार यह बात भी सामने आई हैं कि कई जिलों में कुछ लोग बार-बार झूठी शिकायतें करते हैं। एक ही व्यक्ति कई बार शिकायत दर्ज कराता है, जिससे प्रणाली पर दबाव बढ़ता है। कई बार अधिकारी कहते हैं कि शिकायतों को क्लोज करने के बदले में शिकायतकर्ता ब्लैकमेल करते हैं।