


जहा एक और कांग्रेस संगठन सृजन की बात कर रही है, वहीं दूसरी ओर मध्य जिला और शहर अध्यक्षों की नियुक्ति उनके गले की हड्डी बन गई है। एक और प्रदेश में कफ सिरप से मौते, सिवनी हवालाकांड, भोपाल के पोस्टर, दमोह में जातिवाद मामला और ग्वालियर में अंबेडकर मूर्ति विवाद ये सारे मुद्दे गर्माए हुए हैं और कांग्रेस को एकजुट होने की जरूरत हैं, वहीं दूसरी ओर जीतू पटवारी के लिए उज्जैन कांग्रेस एक नए बखेड़ा कर दिया है।
उज्जैन की बात करें तो कांग्रेस दो फोड़ होती दिखाई दे रही है। ‘संगठन सृजन’ प्रक्रिया के जरिए नए अध्यक्षों की नियुक्ति पर पार्टी के भीतर विरोध लगातार बढ़ता जा रहा है। पार्टी की अंदरूनी कलह अब खुलकर सामने आने लगी है। इसी क्रम में उज्जैन के कांग्रेस नेताओं का एक प्रतिनिधिमंडल मंगलवार को भोपाल पहुंचा और पार्टी के वरिष्ठ नेता अजय सिंह से मुलाकात की।
उज्जैन में दो गुटों में बंटी कांग्रेस
उज्जैन कांग्रेस इस वक्त दो गुटों में बंटी हुई है। एक गुट नए अध्यक्षों की नियुक्ति का समर्थन कर रहा है, जबकि दूसरा गुट इसका विरोध कर रहा है। हालांकि कांग्रेस हाईकमान ने सख्ती बरतते हुए विरोध करने वाले नेताओं को पार्टी ने अनुशासनहीनता का नोटिस भी जारी किया है। आरोप है कि इन नेताओं ने उज्जैन में समानांतर कांग्रेस संगठन चलाने की कोशिश की।