


छिंदवाड़ा के चर्चित कोल्ड्रिफ कफ सिरप मामले में बड़ी कार्रवाई हुई है। मध्यप्रदेश की विशेष जांच टीम (SIT) श्रीसन फार्मा के डायरेक्टर जी. रंगनाथन को तमिलनाडु के कांचीपुरम लेकर पहुंची है। साथ ही कंपनी की महिला केमिस्ट को भी गिरफ्तार किया गया है। दोनों को जल्द ही छिंदवाड़ा लाया जाएगा। पुलिस ने अब तक इस केस में पांच लोगों के खिलाफ एफआईआर दर्ज की है।
SIT ने जी. रंगनाथन को कोर्ट में पेश कर 10 दिन की पुलिस रिमांड पर लिया है। पूछताछ के दौरान रंगनाथन ने दो से तीन अन्य लोगों के नाम भी बताए हैं, जिनसे आगे जांच की जाएगी। टीम 15 अक्टूबर को चेन्नई में रहकर जांच जारी रखेगी। SIT लगातार सबूत जुटाने में लगी हुई है और सिरप में उपयोग किए गए केमिकल की मात्रा की बारीकी से जांच की जा रही है।
ड्रग विभाग की प्रारंभिक रिपोर्ट में खुलासा हुआ कि सिरप में डाई एथिलीन ग्लाइकोल की मात्रा निर्धारित सीमा से अधिक पाई गई। इसी केमिकल के कारण बच्चों की किडनी फेल होना और मौत हुई। SIT सिरप के वितरण चैन में शामिल रिटेलर, एजेंट, मेडिकल स्टोर संचालक और डॉक्टरों की भूमिका की भी जांच कर रही है, यह पता लगाने के लिए कि कौन सिरप लिखवा रहा था और किन बच्चों को दिया गया।
पुलिस ने फार्मा नेटवर्क से जुड़े दो और व्यक्तियों को सह-आरोपी बनाया है। इनमें न्यू अपना फार्मा के संचालक राजेश सोनी और परासिया स्थित अपना मेडिकल स्टोर के कैमिस्ट सौरभ जैन शामिल हैं। दोनों को हिरासत में लेकर पूछताछ की जा रही है। ड्रग विभाग की रिपोर्ट में यह भी सामने आया कि दोनों ने कोल्ड्रिफ सिरप की बिक्री का पूरा लेखा-जोखा छिपाया और बची हुई बोतलों की जानकारी जांच टीम को नहीं दी। पुलिस का कहना है कि उन्होंने सबूत मिटाने की कोशिश की।
राजेश सोनी ने जांच दल को बिक्री रजिस्टर नहीं दिखाया और सिरप की बची हुई बोतलों की संख्या बताने से इनकार किया। इसी प्रकार डॉक्टर प्रवीण सोनी के क्लिनिक के पास स्थित अपना मेडिकल स्टोर के कैमिस्ट सौरभ जैन ने भी ऐसा ही किया। जांच में यह भी सामने आया कि राजेश सोनी, डॉक्टर प्रवीण सोनी के भतीजे हैं।