


मुख्य सचिव की दौड़ में मानी जा रही 1990 बैच की IAS अधिकारी अलका उपाध्याय को लूप लाइन भेज दिया गया है। उपाध्याय अब तक केंद्र में पशुपालन एवं डेयरी विभाग में सचिव के पद पर थीं, लेकिन हाल ही में उन्हें राष्ट्रीय अल्पसंख्यक आयोग में सचिव बना दिया गया। जानकार मानते हैं कि किसी आयोग में सचिव पदस्थ होना "लूप लाइन" मानी जाती है और यह अच्छे पदस्थापन की श्रेणी में नहीं आता। इससे साफ है कि मध्यप्रदेश में मुख्य सचिव बनने की उनकी संभावनाओं पर ब्रेक लग गया है।
इसी तरह, 1992 बैच के IAS वीएल कांताराव का भी तबादला किया गया है। उन्हें खनिज सचिव से हटाकर जल संसाधन, नदी विकास और गंगा पुनर्जीवन विभाग में सचिव बनाया गया। कांताराव की पदस्थापना मध्य प्रदेश के लिए अहम हैं। अब मध्य प्रदेश की केन बेतवा लिंक प्रोजेक्ट और पार्वती-कालीसिंध और चंबल लिंक प्रोजेक्ट में तेजी आने की संभावना है। बता दें मध्य प्रदेश के मुख्य सचिव अनुराग जैन 31 अगस्त को सेवानिवृत्त हो रहे हैं। ऐसे में उनको एक्सटेंशन नहीं मिलने की संभावना में कई वरिष्ठ अधिकारी मुख्य सचिव की रेस में हैं। इसमें एक नाम अलका उपाध्याय का भी माना जा रहा हैं।