


कटनी में होने जा रही माइनिंग कॉन्क्लेव में सरकार प्रदेश में क्रिटिकल मिनरल्स की खोजबीन और उन्हें निकालने की दिशा में कदम उठाने जा रही है। कार्यक्रम में तीन महत्त्वपूर्ण एमओयू किए जाएंगे। कॉन्क्लेव में कोल इंडिया के साथ संचालनालय खनिकर्म तथा मप्र राज्य खनिज निगम लिमिटेड का क्रिटिकल मिनरल एवं अन्य खनिजों की खोजबीन एवं खनन के लिए एमओयू पर हस्ताक्षर किए जाएंगे। आइआइटी आइएसएम धनबाद, भारतीय विज्ञान शिक्षा एवं अनुसंधान संस्थान भोपाल के साथ भी खनिज अन्वेषण में सहयोग पर एमओयू होगा।
सीएम डॉ. मोहन यादव ने कहा, मप्र खनन और खनिज संसाधन में महत्त्वपूर्ण केंद्र है। प्रदेश में खनिजों की प्रचुरता और सरकार की निवेश अनुकूल नीतियों से औद्योगिक प्रगति हो सकेगी।
कई बड़े संगठनों के प्रमुख होंगे शामिल
कॉन्क्लेव में देशभर के बड़े औद्योगिक घरानों ने दिलचस्पी दिखाई है। कॉन्क्लेव में डायरेक्टर जनरल जियोलॉजिकल सर्वे ऑफ इंडिया राजेश जोशी, चीफ कंट्रोलर ऑफ माइन्स इंडियन ब्यूरो ऑफ माइन्स नागपुर पंकज कुलश्रेष्ठ, सीएमडी एचसीएल संजीव कुमार सिंह, डायरेक्टर (फाइनेंस) एमईसीएल सुरेन्द्र सिंह क्षत्रिय, जीएम बिजनेस डेवलपमेंट सीआईएल चंद्र शेखर सिंह, डायरेक्टर एसईसीएल बिलासपुर बिरांची दास, डिपार्टमेंट ऑफ अर्थ एंड एनवायरमेंट साइंसेस के प्रो. डॉ. प्रीतम नासपुरी एवं प्रो. डॉ. ए.के. तिवारी, टेक्समिन के चीफ बिजनेस डेवलपमेंट ऑफिसर एमडी दानिश और प्रोजेक्ट डायरेक्टर धीरज कुमार, आईबीएम नागपुर के चीफ ओर ड्रेसिंग ऑफिसर एंड डायरेक्टर दिलीप रंजन कानूनगो सहित कई औद्योगिक घराने शामिल होंगे।
प्रदर्शनी में दिखेगी प्रदेश की खनिज संपदा
मध्यप्रदेश में मौजूद खनिज संपदा को प्रदर्शित करते हुए कॉन्क्लेव स्थल पर प्रदर्शनी भी लगाई जाएगी। इसमें अलग-अलग खनिजों और उनके उपयोग के बारे में भी बताया जाएगा। मध्यप्रदेश में राष्ट्रीय उत्पादन का 73% तांबा, 29% रॉक फॉस्फेट, 26% मैंगनीज, 9% चूना पत्थर, 8% कोयला, 3% बॉक्साइट और एक प्रतिशत लोह अयस्क मिलता है।