


मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने कहा है कि खनिज संसाधनों के मामले में मध्यप्रदेश कभी किसी से पीछे नहीं रहा है। अब नई परिस्थितियों और संभावनाओं के अनुरूप हम मध्यप्रदेश को देश के माइनिंग स्टेट के रूप में विकसित करने की दिशा में तेजी से आगे बढ़ रहे हैं। उन्होंने कहा कि मध्यप्रदेश में निवेश का यही सही समय है। आप मध्यप्रदेश में अपना उद्योग लगाईए, बड़े सपने देखिए, इन्हें पूरा करने में हम आपकी हर संभव मदद करेंगे। मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने निवेशकों से अपील की कि दिल खोलकर मध्यप्रदेश में बेहिचक निवेश कीजिए, हम आपको निराश नहीं होने देंगे। मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने कहा कि कटनी में आज हुई कॉन्क्लेव में मिले निवेश प्रस्ताव यह दर्शाते है कि देश के विभिन्न अंचलों के उद्योगपतियों को मध्यप्रदेश आकर्षित कर रहा है। मुख्यमंत्री डॉ. यादव शनिवार को कटनी में आयोजित मध्यप्रदेश माइनिंग कॉन्क्लेव 2.0 में खनन क्षेत्र के उद्योगपतियों और खनन उद्योग लगाने के इच्छुक निवेशकों को संबोधित कर रहे थे।
मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने हर्ष व्यक्त करते हुए कहा कि मध्यप्रदेश में खनिजों की खोज और खनन क्षेत्र में नई संभावनाओं को एक्सप्लोर करने की दिशा में यह आयोजन बहुत सफल रहा है। कटनी कॉन्क्लेव से सरकार को आठ माइनिंग कम्पनियों द्वारा 56 हजार 414 करोड़ रुपए के निवेश प्रस्ताव मिले हैं। ये निवेश प्रस्ताव हमें और बेहतर करने की नई ऊर्जा देकर उत्साहित भी करते हैं। उन्होंने बताया कि राज्य शासन ने क्रिटिकल मिनरल की खोज, प्रसंस्करण और संवर्धन के लिए कोल इंडिया लिमिटेड के साथ एमओयू किया। शासन ने खनन क्षेत्र में आर्टिफियल इंटेलीजेन्स, आईओटी, ब्लॉक चेन, रिमोट सेंसिंग के उपयोग के मद्देनजर धनबाद की टेक्समिन आईएसएम के साथ भी एमओयू किया। इसी तरह खनिज अन्वेषण अनुसंधान के लिए राज्य शासन ने भारतीय विज्ञान शिक्षा एवं अनुसंधान संस्थान, भोपाल के साथ भी एमओयू साइन किए गए हैं। यह एमओयू मध्यप्रदेश के खनिज क्षेत्र को ऊँचाइयां प्रदान करेंगे।
मुख्यमंत्री डॉ.मोहन यादव ने कहा है कि हमारे धर्म में तांबे का महत्व सोने-चांदी से अधिक है। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी एक विजनरी लीडर हैं। उन्होंने हर वर्ग की जरूरतों को पूरा करते हुए गुजरात में विकास का जो मॉडल खड़ा किया, आज हम सभी उससे परिचित हैं। मुख्यमंत्री डॉ.मोहन यादव ने कहा कि गो माता हमें दूध उपलब्ध कराती है और बच्चे को भी पिलाती है। भारतीय संस्कृति की धारा दोहन की है, शोषण की नहीं। दुनिया के बड़े-बड़े देश अपना माल खपाने के लिए चालाकी का रास्ता अपना रहे हैं। लेकिन आज हमारे उद्योगपति आगे बढ़ रहे हैं। उद्योगपति अपने साथ दूसरों को भी रोजगार के अवसर उपलब्ध कराते हैं। आइए मध्यप्रदेश से जुड़िए, यहां पर्याप्त लैंड बैंक, बिजली, पानी है। प्रदेश में शीघ्र ही एयर कार्गो की सुविधा भी मिलेगी और दो मेट्रोपोलिटन सिटी भी बनने जा रहे है।
मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने कहा है कि कटनी में खनिज का भंडार है। अब तो क्रिटिकल और माइनर मैटल भी मिल रहे हैं। पन्ना में हीरे मिलते हैं तो कटनी में भी सोना मिल सकता है। राज्य सरकार ने सभी सेक्टर्स के विकास के लिए पारदर्शी नीतियां लागू की हैं। पहले इंडस्ट्री कॉन्क्लेव की हैं। अब सेक्टरवाइज कॉन्क्लेव कर रहे हैं। आगामी 27 अगस्त को उज्जैन में स्प्रिरीचुअल कॉन्क्लेव हो रही है और ग्वालियर में भी 31 अगस्त को टूरिज्म कॉन्क्लेव होगी। राज्य सरकार धार्मिक पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए कार्य कर रही है। जब भारत 2047 तक विकसित देश बनेगा तो प्रदेश की परिस्थितियां भी बदल जाएगी। राज्य सरकार ने युवाओं के प्रशिक्षण के लिये कई योजनाएं बनाई हैं। कटनी को 25 अगस्त को बड़ी सौगात मिलने वाली है। प्रदेश में पीपीपी मोड पर मेडिकल कॉलेजों के साथ अस्पताल शुरू किए जा रहे हैं। राज्य सरकार मेडिकल कॉलेज खोलने पर 1 रुपए में 25 एकड़ जमीन देगी। केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री के समक्ष 25 अगस्त को 4 मेडिकल कॉलेजों के लिए एमओयू होगा।
मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा है कि प्रदेश में ईज ऑफ डूइंग के लिए 29 तरह की अनुमतियों को कम करके मात्र 10 कर दिया गया है। प्रदेश सरकार ने श्रम कानून में बदलाव करते हुए महिलाओं को नाइट शिफ्ट में काम करने की अनुमति दी है। प्रदेश सरकार की नीतियों से आज दूसरे राज्य भी सीख ले रहे हैं। मध्यप्रदेश देश का नंबर-1 राज्य बने, इसके लिए तेज गति से कार्य हो रहे हैं।
निवेश प्रस्ताव
क्र. कंपनी का नाम निवेश प्रस्ताव प्रस्तावित राशि
1 सिंघल बिज़नेस प्रा. लि. कोल गैसीफिकेशन एवं नवीकरणीय ऊर्जा। ₹ 15,000 करोड़
2 विनमिर रिसोर्सेस प्रा. लि. ग्रेफाइट बेनिफिसिएशन उद्योग। ₹ 850 करोड़
3 रामनिक पॉवर एंड अलॉयज़ स्पाँज आयरन प्लांट एवं फेरो-अलॉय इकाइयाँ। ₹ 1,850 करोड़
4 माइनवेयर एडवाइजर्स प्रा. लि. आवंटित कोल ब्लॉक में खनन एवं उत्पादन। ₹ 450 करोड़
5 महाकौशल रिफ्रैक्ट्रीज़ रिफ्रैक्ट्री उद्योग के लिये अगले 5 वर्ष में निवेश। ₹ 90 करोड़
6 सायना ग्रुप लौह अयस्क बेनिफिसिएशन, पैलेट प्लांट, लौह आधारित विभिन्न उद्योगों में उपयोगी उत्पाद।
बॉक्साइट कैल्सिनेशन प्लांट। ₹ 3,000 करोड़
₹ 950 करोड़
7 नीलाम किए गए प्रमुख खनिज ब्लॉक (09 ब्लॉक) खनिज ब्लॉकों में मुख्य खनिजों का उत्पादन। ₹ 32,774 करोड़
8 नीलाम किए गए कोयला खनिज के (02 ब्लॉक) खनिज ब्लॉकों में कोयला खनिज का उत्पादन। ₹ 1,450 करोड़
कुल प्रस्तावित निवेश ₹ 56,414 करोड़
इनके बीच हुए एमओयू
कॉन्क्लेव में राज्य शासन ने क्रिटिकल मिनरल की खोज, प्रसंस्करण और संवर्धन के लिए कोल इंडिया लिमिटेड के साथ एमओयू किया। डॉ. चंद्रशेखर सिंह एचओडी क्रिटिकल मिलरल्स, बिरांची दास डायरेक्टर एचआरएसएसईएल, फ्रैंक नोबेल ए डायरेक्टर एंड जीडीएम एमपी स्टेट माइनिंग कॉरपोरेशन और प्रमुख सचिव उमाकांत उमराव ने एमओयू का आदान-प्रदान किया। यह समझौता दुनिया की सबसे बड़ी खनन कंपनी और राज्य खनन अन्वेषण एजेंसियों के माध्यम से मध्यप्रदेश को क्रिटिकल मिनरल्स के क्षेत्र में नई ऊंचाइयां देगा। खनन क्षेत्र में आर्टिफियल इंटेलीजेन्स, आईओटी, ब्लॉक चेन, रिमोट सेंसिंग के उपयोग के मद्देनजर धनबाद की टेक्समिन आईएसएम के साथ और खनिज अन्वेषण अनुसंधान के लिए भारतीय विज्ञान शिक्षा एवं अनुसंधान संस्थान, भोपाल के साथ भी एमओयू साइन हुआ। कॉन्क्लेव में मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने उद्योगपतियों के साथ वन-टू-वन मीटिंग भी की।
मुख्यमंत्री ने उघोगपतियों से किया वर्चुअल संवाद
मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने कॉन्क्लेव में राजीव मुंद्रा (कोलकाता), जेपी अग्रवाल (श्रीलंका), विवेक भाटिया (दिल्ली), वी.साईंराम (कोचीन), थॉमस चेरियन (हैदराबाद) से उनकी निवेश योजनाओं एवं अनुभव को लेकर वर्चुअल संवाद किया। उद्योगपतियों ने मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव का आभार मानते हुए कहा कि मध्यप्रदेश की सहज और सरल औद्योगिक नीतियों से हम बहुत कम समय में अपनी इकाई स्थापित कर पा रहे हैं। यह अन्य किसी राज्य में संभव नहीं है। विवेक भाटिया ने कहा कि भारत में मध्यप्रदेश को बिल्कुल अलग तरह से देखा जा रहा है। सीआईआई से जुड़ी 100 से अधिक माइनिंग कंपनियां मध्यप्रदेश के खनन क्षेत्र में बड़ी संभावनाएं देख रही हैं। बीना रिफाइनरीज सहित अन्य स्थानों पर विभिन्न गतिविधियां संचालित हैं। कई अंतरराष्ट्रीय कंपनियां प्रदेश में निवेश बढ़ाना चाहती हैं। वी. साईंराम ने कहा कि हमारी कंपनी कोल इंडिया का 18 प्रतिशत कोल प्रोडक्शन कर रही है। सिंगरौली कोल प्रोडक्शन का बड़ा केंद्र है। केंद्र और राज्य सरकार की उद्योग केंद्रित नीतियों के बल पर हमें केवल 55 दिनों फॉरेस्ट क्लियरेंस मिला है। थॉमस चेरियन ने कहा कि क्रिटिकल मिनरल्स देश के लिए महत्वपूर्ण है और मध्यप्रदेश में यह प्रचुर मात्रा में उपलब्ध है। आदित्य बिरला ग्रुप सरकार के साथ कार्य करने के लिए तैयार है।
मुख्यमंत्री ने औद्योगिक विकास को गति प्रदान की
कटनी जिले के प्रभारी मंत्री उदय प्रताप सिंह ने कहा कि भारत माता के गर्भ से निकले खनिज पूरी दुनिया में बेचे जाते हैं। उद्योगपतियों के माध्यम से धरती मां एक तरह से व्यवस्था का संचालन कर रही है। मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने कृषि आधारित प्रदेश की छवि को बदलकर औद्योगिक विकास को गति प्रदान की है। पहले हम उद्योग की बात करते थे तो गुजरात, कर्नाटक, तमिलनाडु का नाम सामने आता था। प्रदेश में निरंतर उद्योग केंद्रित आयोजन कर राज्य सरकार ने अभूतपूर्व निवेश प्राप्त किये है। नए उद्यमियों के लिए सरकार ने कई प्रकार की सहायता देने की योजना बनाकर उन्हें प्रभावी रूप से क्रियान्वित किया है।
खजुराहो सांसद वी.डी. शर्मा ने कहा कि मध्यप्रदेश को आर्थिक दृष्टि से संपन्न बनाने के लिए मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव निरंतर प्रयासरत हैं। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के मार्गदर्शन में राज्य सरकार संपूर्ण प्रदेश को आगे ले जाने के लिए कार्य कर रही है। मध्यप्रदेश की धरती रत्नगर्भा है। कटनी में माइनिंग कॉन्क्लेव प्रदेश के विकास में मील का पत्थर साबित होगा। पन्ना में हीरा के खनन के साथ उसकी पॉलिसिंग भी स्थानीय स्तर पर होगी। नौजवानों को रोजगार के अवसर मिलेंगे। युवाओं के कौशल विकास के लिए कटनी में माइनिंग इंस्टीट्यूट शुरू करना चाहिए। सिंगरौली में पहले ही ऐसा एक इंस्टीट्यूट खोला जा चुका है। भविष्य में कटनी देश का प्रमुख और औद्योगिक शहर बनेगा।
उद्योगपतियों ने साझा किये अनुभव
हिन्दुस्तान कॉपर लिमिटेड के चेयरमैन संजीव कुमार सिंह ने कहा कि तांबा एक शाश्वत धातु है। भारत में तांबे के उपयोग का प्राचीन इतिहास रहा है। हमारी 12 मिलियन टन तांबा उत्पादन क्षमता में 5 टन मलजखंड खदान से आएगा। कंपनी ने 32 टन कॉपर राम मंदिर निर्माण के लिए दान दिया है। मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव के सहयोग से मध्यप्रदेश को तांबा उत्पादन में अग्रणी बनाएंगे।
माइनवेयर एडवायजर के एमडी कौशिक बोस ने कहा कि हमारी कंपनी मैकेनाइज माइनिंग करती है। राज्य में 450 करोड़ का निवेश प्रस्तावित है। उन्होंने मध्यप्रदेश सरकार और मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव द्वारा दी जा रही सुविधिाओं के लिये आभार माना। कॉन्क्लेव में सहभागी बने अन्य उद्योगपतियों ने भी अपने अनुभव साझा करते हुए मध्यप्रदेश की खनन नीति की सराहना की।
प्रमुख सचिव खनिज संसाधन उमाकांत उमराव ने कहा कि मध्यप्रदेश की धरती हीरे के साथ सोना भी उगलती है। मध्यप्रदेश, देश में ऐसा इकलौता राज्य है, जहां हर तरह के खनिज उपलब्ध हैं। कॉपर में सबसे अधिक उत्पादन, लाइमस्टोन और हीरा उत्पादन में भी प्रदेश अग्रणी है। कई खनिज की उपलब्धता उच्च श्रेणी में है। प्रदेश के हर जिले में कोई न कोई खनिज जरूर मिलता है। शहडोल में कोल, बॉक्साइड है, छिंदवाड़ा में कोल और बैतूल में ग्रेफाइट है। खनिजों के दोहन के लिए आवश्यक अधोसंरचना की जरूरत है। मध्यप्रदेश में 5 लाख किलोमीटर लंबी सड़कें हैं। प्रदेश के इंस्टीट्यूट से हर साल 1 लाख बच्चे पढ़कर निकलते हैं। प्रदेश में बिजली सरप्लस है और पानी की पर्याप्त उपलब्धता है। प्रदेश में ईंधन के लिए पेट्रोलियम और गैस के 12 ब्लॉक चिह्नित किए गए हैं। कोल बेस्ड मीथेन 37 प्रतिशत मध्यप्रदेश प्रोड्यूस करता है। खनन क्षेत्र के बेहतर दोहन के लिए सरकार और कंपनियों की अहम भूमिका है। जबलपुर में गोल्ड का भंडार मिला है। ग्रेफाइट सहित 30 क्रिटिकल एलिमेंट मिले है, जिन्हें क्रिटिकल मिनरल्स कहते हैं। लीथियम और लौह अयस्क के लिए सीधी में एक बेल्ट चिह्नित की गई है। प्रदेश में खनिज संपदा का देश में सबसे अधिक खनन हो रहा है। उन्होंने उद्योगपतियों से आहवान किया कि देश के दिल मध्यप्रदेश आइए, यहां आपको सोना और हीरे के साथ बहुत कुछ मिलेगा।
प्रमुख सचिव औद्योगिक नीति एवं निवेश प्रोत्साहन राघवेंद्र कुमार सिंह ने कहा कि मध्यप्रदेश में 1 लाख एकड़ से अधिक लैंडबैंक है। यहां बिजली सरप्लस है, जिसका 20 प्रतिशत ग्रीन एनर्जी से आता है। हम 2030 तक एनर्जी बॉस्केट में 50 प्रतिशत ग्रीन एनर्जी शामिल करेंगे। प्रदेश में कुशल और सस्ती दरों पर श्रमिक उपलब्ध हैं। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार निवेशकों से किए सभी वादे पूरे करती है। प्रदेश में 4 इंडस्ट्रियल कॉरिडोर हैं, एक और नया बनेगा। राज्य सरकार कटनी में मल्टी मॉडल इंडस्ट्रियल डिपो बनाने जा रही है। प्रदेश में 5 हजार से अधिक स्टार्टअप काम कर रहे हैं। प्रदेश सरकार ने फरवरी में 18 नई बिजनेस फ्रेंडली पॉलिसी लागू की थी।
प्रमुख सचिव सिंह ने बताया कि सरकार औद्योगिक इकाई स्थापित करने पर उद्योगों को 40 प्रतिशत तक सहायता प्रदान कर रही है। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने लंदन में ट्रेड एग्रीमेंट के समय ईज ऑफ डूइंग बिजनेस के साथ स्पीड ऑफ डूइंग बिजनेस पर भी जोर दिया है। प्रधानमंत्री के इस मंत्र पर राज्य सरकार प्रदेश में आने वाले निवेशक को यह सुविधा प्रदान कर रहा है कि वह 30 दिन में अपना उद्योग शुरू कर सके। राज्य सरकार ने मध्यप्रदेश जन विश्वास बिल लागू किया है। प्रदेश की जनता को सरकार पर भरोसा है। ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट के बाद प्रदेशभर में अलग-अलग सेक्टर के रीजनल इंडस्ट्री कॉन्क्लेव आयोजित की गई हैं। प्रदेश के समेकित विकास के लिए कार्य किए जा रहे हैं। भोपाल में हुई जीआईएस में 30.77 लाख करोड़ के निवेश आए। उसके बाद 1 लाख करोड़ का निवेश अलग-अलग कार्यक्रमों में मिल चुका है।