


पौड़ी में वन विभाग की ओर से जिला मुख्यालय स्थित प्रेक्षागृह में गुलदार और मानव के बीच बढ़ते संघर्ष की समस्या के समाधान के लिए विशेषज्ञों के साथ हितधारकों की कार्यशाला का आयोजन किया गया। कार्यशाला में स्कूली बच्चों और मीडियाकर्मियों के साथ चर्चा करते हुए गुलदार के हमलों, गतिविधियों और समाचार प्रस्तुतिकरण पर चर्चा की गयी। गुलदार कु दगड़िया कार्यक्रम का जिलाधिकारी डॉ. आशीष चौहान ने उद्घाटन किया। इस मौके पर उन्होंने कहा कि यह गंभीर मामला है कि लोग गुलदार का वीडियो बनाते हैं, लेकिन इसकी सूचना आपदा प्रबंधन और पुलिस कंट्रोल रूम को नहीं देते हैं। जबकि सभी को सबसे पहले कंट्रोल रूम को इसकी सूचना देनी चाहिए। उन्होंने स्कूली बच्चों को मंच पर बुलाकर गुलदार के बारे में उनकी जागरूकता के बारे में जानकारी ली।
डीएम ने स्कूली बच्चों से की चर्चा
डीएफओ स्वप्निल अनिरुद्ध ने बताया कि जिले में गुलदारों की संख्या बढ़ी है। उन्होंने आंकड़ों के माध्यम से बताया कि गुलदारों की संख्या बढ़ने के बावजूद गुलदार-मानव संघर्ष में कमी आयी है। वर्तमान में जिले में 453 गुलदार हैं। उन्होंने बताया कि गुलदार कु दगड़िया कार्यक्रम जन-जागरूकता और स्थानीय सहभागिता पर आधारित एक अभिनव प्रयास है, जो मानव और गुलदार के बीच संघर्ष को न्यूनतम कर, संतुलित और सुरक्षित सह-अस्तित्व सुनिश्चित करने की दिशा में एक ठोस कदम है।कार्यक्रम के दौरान विशेषज्ञों ने कहा कि गुलदार के हमलों की रिपोर्टिंग महत्वपूर्ण स्थान रखती है। यदि बिना तथ्यों के सनसनीखेज खबर बनायी जाय, तो इससे जनता के बीच सही संदेश नहीं जाता है। कहा गया कि वन्य जीव से सुरक्षा सिर्फ वन विभाग की जिम्मेदारी नहीं है। बल्कि नागरिक, मीडिया, पुलिस और नगर निकाय के समन्वित प्रयासों से संघर्ष को कम किया जाता है।