


उत्तराखंड के नैनीताल जिले में सोमवार सुबह से शुरू हुई मूसलाधार बारिश ने रामनगर और आसपास के क्षेत्रों में जनजीवन पूरी तरह अस्त-व्यस्त कर दिया है। पहाड़ी इलाकों में झरने और गदेरे उफान पर हैं, जबकि मैदानी हिस्सों में कई जगह जलभराव से हालात बिगड़ गए हैं। सुबह से जारी तेज वर्षा के कारण कोसी नदी, धनगढ़ी नाला, टेड़ा नाला और रिंगोड़ा नाला समेत कई स्थानीय नालों का जलस्तर अचानक बढ़ गया है। इनका तेज बहाव निचले इलाकों के लिए खतरा बन रहा है। कई ग्रामीण संपर्क मार्गों पर यातायात बाधित होने से लोगों को आवाजाही में परेशानी हो रही है। जगह-जगह वाहनों की लंबी कतारें लगने से जाम की स्थिति बन गई है। धनगढ़ी और टेड़ा नाले का पानी रामनगर की सड़कों पर फैल जाने से पैदल और वाहन चालकों को खतरे के बीच सफर करना पड़ रहा है।
कुछ स्थानों पर लोग जान जोखिम में डालकर उफनते नालों को पार करने की कोशिश करते देखे गए, जिस पर प्रशासन ने कड़ी चेतावनी जारी की है। मौसम विभाग के अलर्ट के बाद जिला प्रशासन ने सभी विभागों को सतर्क मोड पर रखा है। राजस्व विभाग, पुलिस और आपदा प्रबंधन की टीमें लगातार संवेदनशील क्षेत्रों का दौरा कर रही हैं। प्रशासन ने लोगों से अपील की है कि वे नदियों और नालों के किनारे न जाएं और अनावश्यक यात्रा से बचें। पहाड़ी इलाकों में भूस्खलन की आशंका को देखते हुए यात्रियों को भी सचेत किया गया है। विभाग ने अगले 24 घंटों में जिले में भारी से बहुत भारी बारिश की संभावना जताई है, जिससे नदियों का जलस्तर और बढ़ सकता है। इसके साथ ही भूस्खलन की घटनाएं भी हो सकती हैं।
लगातार बारिश से स्थानीय निवासी और व्यापारी चिंतित
विशेषज्ञों का कहना है कि लगातार बारिश से पहाड़ी मिट्टी ढीली हो चुकी है, और हल्की बारिश भी मलबा खिसकने का कारण बन सकती है। लगातार बारिश से स्थानीय निवासी और व्यापारी चिंता में हैं। पर्यटन कारोबार पर भी असर पड़ा है। होटल व्यवसायियों का कहना है कि बुकिंग रद्द हो रही हैं और कई पर्यटक खराब मौसम के कारण लौट गए हैं।
बारिश के बीच प्रशासन ने आपातकालीन सेवाओं को सक्रिय कर दिया है
बारिश के बीच प्रशासन ने आपातकालीन सेवाओं को सक्रिय कर दिया है। नदी-नालों के किनारे बैनर-पोस्टर लगाकर चेतावनी दी जा रही है और आपदा प्रबंधन विभाग ने हेल्पलाइन नंबर जारी किए हैं ताकि आपात स्थिति में तुरंत सहायता मिल सके।