


भारत की पहचान उसकी विविधता और संस्कृतिहै। इस पहचान को एक सूत्र में पिरोने का काम हमारी मातृभाषा हिंदी करती है। हिंदी के महत्व और इसकी उपयोगिता को स्पष्ट करने के लिए हिंदी के नाम विशेष दिन समर्पित किया गया है। हिंदी दिवस के तौर पर मनाए जाने वाले इस दिन पर हिंदी को सम्मान दिया जाता है। लेकिन क्या आप जानते हैं कि हिंदीदिवस साल में दो अलग-अलग तारीखों पर मनाया जाता है?
एक हिंदी दिवस 10 जनवरी को और दूसरा हिंदी दिवस 14 सितंबर को मनाते हैं। सवाल ये है कि एक ही विषय, 'हिंदी' को प्रोत्साहित और सम्मानित करने के लिए अलग-अलग दो दिन क्यों है? इन दोनों में क्या फर्क है? क्या दोनों हिंदी दिवस की तिथियों का उद्देश्य एक है या अलग?
कब मनाते हैं हिंदी दिवस?
साल में दो बार हिंदी दिवस मनाया जाता है। 10 जनवरी और 14 सितंबर दोनों ही हिंदी दिवस के तौर पर मनाई जाने वाली तिथियां हैं।
10 जनवरी और 14 सितंबर के हिंदी दिवस में अंतर
बहुत से लोगों के बीच यह भ्रम है कि 10 जनवरी और 14 सितंबर, दोनों ही भारत में हिंदी दिवस के रूप में मनाए जाते हैं। सच यह है कि 10 जनवरी को विश्व हिंदी दिवस और 14 सितंबर को राष्ट्रीय हिंदी दिवस मनाया जाता है। दोनों का उद्देश्य हिंदी का प्रचार-प्रसार करना है, लेकिन इनके बीच एक ऐतिहासिक अंतर है।
राष्ट्रीय हिंदी दिवस की शुरुआत इसलिए हुई क्योंकि इसी दिन हिंदी को भारत की आधिकारिक भाषा के रूप में स्वीकार किया गया था। वहीं, विश्व हिंदी दिवस का उद्देश्य हिंदी को अंतर्राष्ट्रीय मंच पर बढ़ावा देना और उसे वैश्विक पहचान दिलाना है।