बजट 2025-26 2014 में शुरू हुई यात्रा का हिस्सा है, जो 2047 तक जारी रहेगी। यह स्वतंत्रता के 100 साल और "विकसित भारत" की ओर बढ़ने का अभियान है। यह बजट भारत की अर्थव्यवस्था को रूपांतरित करने के लिए एक रोडमैप प्रस्तुत करता है, जिसमें कृषि, सूक्ष्म, लघु और मझोले उद्यम, बुनियादी ढांचा और निर्यात क्षेत्रों में वृद्धि को बढ़ावा देने के लिए निवेश और सुधारों का संयोजन किया गया है। इसे सुदृढ़ वित्तीय प्रबंधन और नियामक सुधारों के माध्यम से हासिल किया जाएगा। 2014 में राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन सरकार के आने के बाद से GST, डिजिटलीकरण और वित्तीय समावेशन जैसे कदमों ने अर्थव्यवस्था को आकार दियाहै।
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कृषि, MSMEs, निवेश और निर्यात को विकास के चार प्रमुख इंजन के रूप में प्रस्तुत किया। कृषि क्षेत्र पर खास ध्यान दिया गया है। इस योजना का उद्देश्य 100 कम-उत्पादक जिलों को उच्च-उत्पादक बीजों, फसल विविधीकरण, बेहतर भंडारण सुविधाओं और सिंचाई सुविधाओं के माध्यम से उत्पादकता बढ़ाने के लिए मौजूदा योजनाओं के साथ मिलाकर रूपांतरित करना है।
वित्त मंत्री ने पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए कई पहलों की घोषणा की, जिसमें विदेशी पर्यटकों के लिए यात्रा को आसान बनाने, प्रमुख पर्यटन स्थलों को विकसित करने और निजी खिलाड़ियों के साथ मिलकर चिकित्सा पर्यटन को बढ़ावा देने की योजना शामिल है। 10 मिलियन से अधिक पंजीकृत MSMEs, जो विनिर्माण और रोजगार में महत्वपूर्ण योगदान देते हैं, के लिए बजट में उनके वर्गीकरण मानदंडों को बढ़ा दिया गया है। फुटवियर, चमड़ा, खिलौने और खाद्य प्रसंस्करण जैसे क्षेत्रों के लिए विशेष योजनाओं से प्रतिस्पर्धा, रोजगार और निर्यात को बढ़ावा मिलेगा।