


इंदौर संभाग में नरवाई (पराली) जलाने की घटनाओं को रोकने के लिए नया तंत्र विकसित करने की पहल की है। इसके तहत एनडीआरएफ, पुलिस और वन विभाग को भी महत्वपूर्ण भूमिका सौंपी जाएगी।
बैठक में हुए नए निर्णय
बुधवार को हुई बैठक में संभागायुक्त सिंह ने डिविजन कमांडेंट होमगार्ड बी.पी. वर्मा को विस्तृत कार्ययोजना तैयार करने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि केवल जागरूकता कार्यक्रम पर्याप्त नहीं हैं, बल्कि ऐसी तकनीक और व्यवस्था विकसित करनी होगी जिससे पराली जलाने की घटनाओं पर पूरी तरह रोक लग सके।
कई विभाग मिलकर करेंगे काम
इस कार्ययोजना में एनडीआरएफ के अमले के साथ वन विभाग की आगपर नियंत्रण की तकनीकों का उपयोग किया जाएगा। इसके अलावा पुलिस विभाग और पंचायत विभाग भी इसमें महत्वपूर्ण भूमिका निभाएंगे। जिला स्तरीय नियंत्रण कक्ष (कंट्रोल रूम) का गठन कर सभी विभागों को आपस में जोड़ा जाएगा।
समिति करेगी समीक्षा
पराली प्रबंधन के लिए एक समिति बनाई जाएगी, जो हार्वेस्टर से फसल कटाई, हैप्पी सीडर व सुपर सीडर की उपलब्धता और पूर्व वर्षों की सैटेलाइट इमेज का विश्लेषण करेगी। साथ ही, सभी जिलों के कलेक्टरों को भी विशेष कार्ययोजना तैयार करने के निर्देश दिए जाएंगे।