


भारत और दक्षिण कोरिया ने नेक्स्ट जेनरेशन तोप बनाने के लिए ऐतिहासित समझौता किया है। इस सौदे के तहत भारतीय सेना के लिए अगली पीढ़ी के विनाशक तोपों का निर्माण किया जाएगा। 3 अप्रैल 2025 को दक्षिण कोरियाई कंपनी हनवा एयरोस्पेस ने भारतीय कंपनी लार्सन एंड टुब्रो के साथ 253 मिलियन डॉलर का अनुबंध किया है, जिसके तहत भारतीय सेना के लिए 100 अतिरिक्त K9 वज्र-T ऑटोमेटिक होवित्जर तोपों के लिए कंपोनेंट्स की आपूर्ति की जाएगी। भारत और दक्षिण कोरिया के बीच हुई इस रक्षा साझेदारी ने आधुनिक तोपखाने प्रणालियों के क्षेत्र में एक महत्वपूर्ण मील का पत्थर स्थापित किया है। यहसहयोग न सिर्फ भारतीय सेना की मारक क्षमता को बढ़ाएगा, बल्कि 'मेक इन इंडिया' पहल के तहत स्वदेशी उत्पादन को भी अगले स्तर पर ले जाएगा।
कितना विनाशक है भारत का K9 Vajra-T
के9 वज्र-टी, दक्षिण कोरिया की के9 थंडर का भारतीय वैरिएंट है। इसे भारतीय सेना की जरूरतों के मुताबिक ढाला गया है। यह 155 मिमी/52-कैलिबर की ऑटोमेटिक होवित्जर तोप है, जो विस्तारित रेंज के गोला-बारूद के साथ 50 किलोमीटर तक की दूरी तक मार करने में सक्षम है। इसकी उच्च फायरिंग दर और गतिशीलता इसे आधुनिक युद्धक्षेत्र में अत्यंत प्रभावी बनाती है।