


पर्यटन उद्योग ने कोविड-19 महामारी के बाद वर्ष 2024 से अपनी खोई हुई पहचान हासिल करना शुरू कर दिया है। खजुराहो एक बार फिर विदेशी पर्यटकों के लिए प्रदेश का सबसे आकर्षक स्थल बनकर उभरा। वर्ष 2024 में 33131 विदेशी पर्यटक खजुराहो पहुंचे, जो राज्य के किसी अन्य पर्यटन स्थल की तुलना में सर्वाधिक है। खजुराहो के मध्यकालीन मंदिर समूह, अद्वितीय नक्काशी और स्थापत्य कला ने विदेशी सैलानियों को विशेष रूप से आकर्षित किया। ओरछा में 13960 और ग्वालियर में 10823 विदेशी पर्यटक आए, जबकि बांधवगढ़, कान्हा, पन्ना और पेंच जैसे वन्यजीव पर्यटन स्थल भी विदेशी पर्यटकों को अपनी ओर खींचते रहे। यह संख्या भले ही कोविड-पूर्व स्तर से कम है, लेकिन पर्यटन उद्योग में तेजी की ओर एक सकारात्मक संकेत है।
कोरोना काल से उभरता पर्यटन उद्योग
कोविड-19 महामारी ने वैश्विक और राष्ट्रीय पर्यटन उद्योग को बुरी तरह प्रभावित किया था। खजुराहो भी इस दौर में असहज स्थिति में रहा। लेकिन 2024 में पर्यटन उद्योग धीरे-धीरे पटरी पर लौट आया। पिछले दस साल के आंकड़े इस बदलाव को स्पष्ट करते हैं।
देशी पर्यटकों का भी बढ़ रहा आकर्षण
विदेशी पर्यटकों के साथ-साथ देशी पर्यटक भी खजुराहो की सांस्कृतिक धरोहर का आनंद लेने पहुंचे। वर्ष 2024 में लगभग 4.89 लाख भारतीय पर्यटक खजुराहो में आए। मंदिरों, संग्रहालयों और नक्काशी कला के अलावा यहां आयोजित स्थानीय उत्सवों और सांस्कृतिक कार्यक्रमों ने भी देशी पर्यटकों को आकर्षित किया।
यूनेस्को विश्व धरोहर स्थल की वैश्विक पहचान
खजुराहो का मंदिर समूह यूनेस्को विश्व धरोहर स्थल होने के कारण अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भी इसकी लोकप्रियता बनी हुई है। पर्यटन विशेषज्ञों का कहना है कि यह स्थल मध्यप्रदेश को वैश्विक पर्यटन मानचित्र पर एक महत्वपूर्ण केंद्र के रूप में स्थापित करता है।