


महिलाओं के जीवन में मेनोपॉज़ एक प्राकृतिक लेकिन चुनौतीपूर्ण दौर होता है। इस समय शरीर में हार्मोनल बदलावों के कारण न केवल मानसिक और शारीरिक समस्याएं बढ़ती हैं, बल्कि हड्डियों की सेहत पर भी गहरा असर पड़ता है। मेनोपॉज़ के बाद हड्डियां तेजी से कमजोर होने लगती हैं, जिससे ऑस्टियोपोरोसिस जैसी गंभीर समस्याओं का खतरा बढ़ जाता है।
एस्ट्रोजन और हड्डियों का संबंध
एस्ट्रोजन हड्डियों के निर्माण और संरक्षण में एक अहम भूमिका निभाता है। जब यह हार्मोन कम हो जाता है, तो हड्डियों का घनत्व घटने लगता है। रिसर्च बताती है कि मेनोपॉज़ के बाद पहले 5-7 वर्षों में महिलाएं अपनी हड्डी के घनत्व का लगभग 20% तक खो सकती हैं। मेनोपॉज़ में हड्ड्डियों की देखभाल सिर्फ शारीरिक स्वास्थ्य का विषय नहीं है, यह आत्मनिर्भरता और सक्रिय जीवनशैली की कुंजी है। मजबूत हड्डियाँ एक स्वस्थ और आत्मविश्वासी जीवन के लिए ज़रूरी हैं।