


हर साल 8 जून को विश्व ब्रेन ट्यूमर दिवस मनाया जाता है। इसका उद्देश्य है लोगों में ब्रेन ट्यूमर को लेकर जागरूकता फैलाना, क्योंकि समय पर लक्षण पहचान कर इलाज शुरू कर दिया जाए तो मरीज़ की जान बचाई जा सकती है। आज के समय में, सिरदर्द, उल्टी या संतुलन बिगड़ना जैसे आम लक्षणों को हम नजरअंदाज कर देते हैं, जो असल में ब्रेन ट्यूमर के शुरुआती संकेत हो सकते हैं।
तकनीकी प्रगति के साथ अब ट्यूमर का इलाज पहले से कहीं ज्यादा प्रभावी और सुरक्षित हो गया है। रेडिएशन थैरेपी , मिनिमल इनवेसिव सर्जरी, और इमेज-गाइडेड तकनीकें मरीजों के लिए उम्मीद की नई किरण हैं। यह लेख समझाएगा कि कैसे आधुनिक तकनीकें, विशेषज्ञों की टीम और सामाजिक जागरूकता मिलकर इस बीमारी को मात देने में अहम भूमिका निभा सकते हैं।
ब्रेन ट्यूमर क्या है और कैसे होता है?
ब्रेन ट्यूमर मस्तिष्क या उसके आस-पास की कोशिकाओं की असामान्य वृद्धि है। यह प्राथमिक ट्यूमर और मेटास्टेटिक ट्यूमर हो सकता है। ट्यूमर सौम्य या घातक हो सकते हैं। इसकी पहचान समय पर हो तो इलाज आसान होता है।