


अगर कभी आप कपड़े बदलते समय या नहाते वक्त पेट पर हल्की सी उभरी हुई गांठ महसूस करें, तो उसे नज़रअंदाज न करें। हो सकता है वो गांठ सामान्य हो, लेकिन कुछ मामलों में यह किसी गंभीर बीमारी का संकेत भी हो सकती है। जानिए पेट में गांठ क्यों बनती है, इसके लक्षण क्या हैं और कब डॉक्टर को दिखाना जरूरी है।
पेट में गांठ बनने के मुख्य कारण
हर्निया
यह सबसे सामान्य कारण होता है। जब पेट की अंदरूनी दीवार कमजोर हो जाती है और आंत का कोई हिस्सा बाहर की ओर निकल आता है, तो गांठ बन जाती है। खड़े होने या खांसने पर यह गांठ और उभरी दिखती है।
लिपोमा
यह एक नरम और बिना दर्द की गांठ होती है जो फैट से बनती है। यह खतरनाक नहीं होती, लेकिन धीरे-धीरे इसका आकार बढ़ सकता है।
सिस्ट
सिस्ट ऐसी गांठ होती है जो तरल या अर्ध-ठोस पदार्थ से भरी होती है। यह त्वचा के नीचे बनती है और कभी-कभी सूजन या हल्का दर्द दे सकती है।
इंफेक्शन या सूजन
कभी-कभी त्वचा के नीचे बैक्टीरियल संक्रमण या लिम्फ नोड्स में सूजन के कारण भी गांठ बन जाती है। यह गांठ छूने पर गर्म और दर्दनाक महसूस हो सकती है।
ट्यूमर या कैंसर
हालांकि ऐसा कम होता है, लेकिन अगर गांठ धीरे-धीरे बढ़ रही है, सख्त है और दर्द नहीं कर रही, तो यह किसी ट्यूमर या कैंसर का संकेत हो सकता है। ऐसे में डॉक्टर को दिखाना जरूरी होता है।
पेट में गांठ का इलाज
पेट में गांठ का इलाज उसकी वजह पर निर्भर करता है। अगर गांठ हर्निया के कारण है, तो आमतौर पर सर्जरी की जरूरत होती है। लिपोमा जैसी फैट वाली गांठ अगर दर्द नहीं देती तो इलाज जरूरी नहीं होता, लेकिन परेशानी होने पर इसे सर्जरी से हटाया जा सकता है। सिस्ट यदि छोटी है तो डॉक्टर केवल निगरानी में रख सकते हैं, लेकिन बड़ी या संक्रमित होने पर एंटीबायोटिक और सर्जिकल रिमूवल की सलाह दी जाती है। अगर गांठ किसी इंफेक्शन या लिम्फ नोड्स की सूजन के कारण बनी है, तो एंटीबायोटिक से इलाज किया जाता है। वहीं, गांठ ट्यूमर या कैंसर का संकेत हो तो डॉक्टर बायोप्सी, स्कैन और फिर कीमोथेरेपी, रेडिएशन या सर्जरी जैसी विशेष उपचार विधियां अपनाते हैं।