


बिहार में इसी साल विधानसभा चुनाव होने है। ऐसे में राज्य के सभी दल अपनी-अपनी तैयारियों में लगे हुए है। वहीं बिहार चुनाव से दो साल पहले ही प्रशांत किशोर ने बिहार में अपनी जमीन तलाश करनी शुरू कर दी थी। दो साल तक लोगों के बीच गांव-गांव तक पहुंचे और जन सुराज जैसी नई पार्टी की संस्थापना की।
इस दौरान प्रशांत किशोर ने कहा कि, ये बिहार के लोगों के लिए नई दिशा निर्धारित करेगी। अब बिहार चुनाव से पहले पीके घूम-घूमकर जनता की नब्ज टटोल रहे हैं कि अगामी चुनाव में उनका मूड क्या है। इसी आधार पर उनका दावा है कि, इस बार 60 प्रतिशत लोग राज्य में बदलाव चाहते हैं।
जन सुराज के संस्थापक प्रशांत किशोर ने कहा कि, हम पिछले दो सालों से कह रहे हैं कि माहौल बदल रहा है। इस बार बिहार में इतिहास लिखा जाएगा। पिछले दो सालों से हम गांव-गांव घूमकर कह रहे हैं कि बिहार में 60% से ज़्यादा लोग बदलाव चाहते हैं। पीके ने आगे कहा कि, वे अपने बच्चों के लिए शिक्षा और रोज़गार चाहते हैं। उन्होंने आगे कहा कि, विकल्पहीनता और लालू और भाजपा के डर की वजह से वे ऐसे जी रहे थे। अब उनके पास जन सुराज के रूप में एक विकल्प है, उनके पास एक रास्ता है।
प्रशांत किशोर का कहना है कि, उनकी पार्टी ( जन सुराज ) बिहार में भारतीय जनता पार्टी, जेडीयू और आरजेडी के सामने लोगों के लिए नया विकल्प लेकर आई है, जो उनके बच्चों को सुनहरा अवसर प्रदान कराएगी। पीके ने अपने बयान में आगे कहा कि, बिहार में शिक्षा, नौकरी और पलायन जैसे मुद्दों पर काम नहीं हुआ। उनकी पार्टी इस पर काम करेगी. इस बार अपने बच्चों के भविष्य को देखकर वोट दीजिए नाकि किसी के कहने पर।