


भारतीय रेलवे ने टिकट बुकिंग में पारदर्शिता और सुरक्षा को बढ़ावा देने के लिए बड़ा फैसला लिया है। 1 अक्टूबर 2025 से IRCTC की वेबसाइट और मोबाइल ऐप पर आरक्षित टिकटों की बुकिंग के पहले 15 मिनटों के दौरान आधार वेरिफिकेशन अनिवार्य कर दिया गया है। यह नियम अब केवल तत्काल नहीं, बल्कि सामान्य श्रेणी की टिकटों पर भी लागू होगा, जिससे दलालों और अनधिकृत एजेंटों की मनमानी पर लगाम लगने की उम्मीद है।
दुरुपयोग पर रोक लगाना
अब तक यह नियम केवल तत्काल टिकट बुकिंग के लिए लागू था, लेकिन अब इसे स्लीपर, AC 2 टियर और AC 3 टियर जैसी सामान्य श्रेणियों की आरक्षित टिकटों पर भी लागू किया जाएगा। इसका उद्देश्य टिकट बुकिंग प्रक्रिया में दलालों और अनधिकृत एजेंटों द्वारा किए जा रहे दुरुपयोग पर रोक लगाना है। नए नियम के तहत, केवल आधार से लिंक और वेरीफाइड IRCTC अकाउंट वाले यात्री ही टिकट बुकिंग शुरू होने के प्रारंभिक 15 मिनट के भीतर ऑनलाइन टिकट बुक कर सकेंगे। यह कदम रेलवे की टिकटिंग प्रणाली को और अधिक पारदर्शी, सुरक्षित और निष्पक्ष बनाने की दिशा में एक बड़ी पहल माना जा रहा है।
हालांकि, रेलवे स्टेशनों के पीआरएस काउंटरों पर टिकट बुकिंग की मौजूदा प्रक्रिया में कोई बदलाव नहीं किया गया है। यात्री पूर्व की तरह बिना आधार वेरिफिकेशन के स्टेशन काउंटरों से टिकट बुक कर सकेंगे। रेलवे के इस निर्णय से ई-टिकट बुकिंग प्रक्रिया में पारदर्शिता आने की उम्मीद है और आम यात्रियों को दलालों की कालाबाजारी से राहत मिल सकती है।