


चार दशक बाद बस्तर का अबूझमाड़ क्षेत्र माओवादियों से मुक्त हो गया है। इस ऐतिहासिक उपलब्धि की घोषणा केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने गुरुवार को की। उन्होंने बताया कि अबूझमाड़ और उत्तर बस्तर के इलाके अब पूरी तरह माओवादी आतंक से मुक्त कर दिए गए हैं। अब केवल दक्षिण बस्तर के कुछ क्षेत्रों में माओवाद का सीमित प्रभाव बचा है, जिसे शीघ्र ही समाप्त कर दिया जाएगा। बीते दो दिनों में अबूझमाड़ क्षेत्र में सक्रिय 190 माओवादियों ने आत्मसमर्पण किया है।
छह करोड़ के इनामी माओवादी भूपति के साथ माड़ डिविजन के 60 माओवादियों ने महाराष्ट्र में आत्मसमर्पण किया। इसके बाद माड़ डिविजन के 140 और रावघाट एरिया कमेटी के 50 माओवादियों ने भी हथियार डाल दिए। अबूझमाड़ में बसव राजू सहित 89 माओवादी मारे गए, जबकि 200 से अधिक माओवादी, जिनमें सुजाता, सुधाकर की पत्नी ककराला सुनीता भी शामिल हैं, आत्मसमर्पण कर चुके हैं।
नदी-नाले पार कर पहुंचे आत्मसमर्पण के लिए माओवादी
गुरुवार को माड़ डिविजन के 140 माओवादी आत्मसमर्पण के लिए निकले, जिनका नेतृत्व प्रवक्ता रूपेश और रणिता ने किया। यह समूह इंद्रावती नदी पार कर भैरमगढ़ क्षेत्र पहुंचा
2 ज़ोनल कमेटी सदस्य
15 डिविजनल कमेटी सदस्य
121 एरिया कमेटी और जनमिलिशिया कैडर
इनके पास 71 हथियार, जिनमें AK-47 भी शामिल हैं। वहीं कांकेर में आत्मसमर्पण कर चुके माओवादी भास्कर और राजू सलाम के नेतृत्व में 50 अन्य माओवादियों को भी जगदलपुर लाया जा रहा है। पुलिस के अनुसार, यह अब तक का सबसे बड़ा सामूहिक आत्मसमर्पण है।
जनवरी 2024 में भाजपा सरकार बनने के बाद से अब तक
2,100 माओवादियों ने आत्मसमर्पण किया
1,785 गिरफ्तार किए गए
477 माओवादी मारे गए