हवाओं के रुख में बदलाव के साथ ही सर्दी ने एक बार फिर दस्तक दे दी है। नवंबर की शुरुआत के पहले आठ दिनों में ही प्रदेश के कई शहर शीतलहर की चपेट में आ गए हैं। भोपाल और इंदौर में पिछले 25 वर्षों में पहली बार नवंबर की शुरुआत में ही शीतलहर की स्थिति बनी है।
मौसम विज्ञान केंद्र से मिली जानकारी के अनुसार शनिवार को प्रदेश में दिन का अधिकतम तापमान नर्मदापुरम में 31 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया, जबकि रात का न्यूनतम तापमान राजगढ़ में 7.4 डिग्री सेल्सियस रिकॉर्ड हुआ। भोपाल, राजगढ़, इंदौर और शाजापुर में तीव्र शीतलहर, जबकि सीहोर और रीवा में शीतलहर का प्रभाव रहा।अभी अगले दो से तीन दिनों तक भोपाल, इंदौर सहित कई शहरों में शीतलहर की स्थिति बनी रह सकती है।
पश्चिमी विक्षोभ से बढ़ी सर्दी
इस समय उत्तरी पंजाब और उसके आसपास के क्षेत्र में हवा के ऊपरी हिस्से में एक पश्चिमी विक्षोभ सक्रिय है, जो चक्रवात के रूप में कार्य कर रहा है। इसके साथ एक द्रोणिका (ट्रफ) भी जुड़ी हुई है। इस सिस्टम के प्रभाव से उत्तर भारत के पर्वतीय क्षेत्रों में बर्फबारी हो रही है, जिसके कारण मध्यप्रदेश में रात के तापमान में तेज गिरावट दर्ज की जा रही है। यह स्थिति अगले दो दिनों तक बनी रह सकती है, जिससे और शहर शीतलहर की चपेट में आ सकते हैं।
आमतौर पर उत्तर भारत से आने वाली ठंडी हवाओं के कारण ग्वालियर, चंबल और सागर क्षेत्रों में ठिठुरन बढ़ती है। लेकिन इस बार मालवा और मध्यप्रदेश के मध्य क्षेत्रों में तापमान में अधिक गिरावट देखी गई है। इसका कारण राजस्थान और गुजरात में न्यूनतम तापमान का उत्तर भारत से भी अधिक गिर जाना है, जिसके प्रभाव से इनसे सटे जिलों में ठंड तेजी से बढ़ी है।
भोपाल और इंदौर में वर्ष 2000 से 2025 के बीच यह पहला अवसर है जब नवंबर के शुरुआती आठ दिनों में शीतलहर चली है।