भारत में सेमीकंडक्टर निर्माण तेजी से रफ्तार पकड़ रहा है और सरकार का लक्ष्य है कि आने वाले दशक में भारत, अमेरिका और चीन जैसे चिप निर्माण महाशक्तियों के साथ बराबरी की स्थिति में पहुंचे। केंद्रीय आईटी मंत्री अश्विनी वैष्णव ने कहा कि भारत की घरेलू सेमीकंडक्टर इंडस्ट्री अगले 7–8 वर्षों में ग्लोबल लेवल पर बड़ा स्थान हासिल कर सकती है।
भारत में सेमीकंडक्टर निर्माण तेजी से रफ्तार पकड़ रहा है और सरकार का लक्ष्य है कि आने वाले दशक में भारत, अमेरिका और चीन जैसे चिप निर्माण महाशक्तियों के साथ बराबरी की स्थिति में पहुंचे। केंद्रीय आईटी मंत्री अश्विनी वैष्णव ने गुरुवार को कहा कि भारत की घरेलू सेमीकंडक्टर इंडस्ट्री अगले 7–8 वर्षों में ग्लोबल लेवल पर बड़ा स्थान हासिल कर सकती है। यह लक्ष्य सरकार के 10 अरब डॉलर के सेमीकंडक्टर इंसेंटिव प्रोग्राम के तहत मैन्युफैक्चरिंग, असेंबली और डिजाइन क्षमताओं को बढ़ाने की रणनीति का हिस्सा है।
योजना लागू होने की रफ्तार उम्मीद से तेज
सिंगापुर में ब्लूमबर्ग न्यू इकोनॉमी फोरम के दौरान वैष्णव ने कहा कि ब्लूप्रिंट तैयार करने से लेकर इसे जमीनी स्तर पर लागू करने तक, भारत की प्रगति उम्मीद से कहीं ज्यादा तेज रही है। उनके अनुसार, “2031–32 तक भारत कई चिप निर्माण देशों की आज की स्थिति के बराबर पहुंच जाएगा, जहां ग्लोबल स्तर पर समान प्रतिस्पर्धा का माहौल होगा।”
भारत का लक्ष्य प्रतिस्पर्धा नहीं, अपनी क्षमता बढ़ाना है
मंत्री ने जोर देकर कहा कि भारत का उद्देश्य किसी देश को नुकसान पहुंचाना नहीं है, बल्कि अपनी टेक्नोलॉजिकल क्षमताओं को मजबूत बनाना है। उन्होंने कहा कि, “हमें अपनी सीमाओं और क्षमता को मजबूत करना है, न कि दूसरों को कमजोर करने की कोशिश करनी है। यही हमारे प्रधानमंत्री का विज़न भी है।”