


म्यांमार ने भारत को भरोसा दिलाया है कि कोको द्वीप पर चीन की कोई मौजूदगी नहीं है। म्यांमार की तरफ से भारत को बताया गया है कि कोको द्वीप पर चीनी नागरिकों का कोई भी नामोनिशान नहीं है। लेकिन म्यांमार भारत को कोको द्वीप का निरीक्षण करने करने की इजाजत नहीं दे रहा है। रिपोर्ट के मुताबिक, म्यांमार ने भारत को आश्वासन दिया है कि बंगाल की खाड़ी में कोको द्वीप समूह पर चीन की कोई उपस्थिति नहीं है, लेकिन रिपोर्ट में आगे मामले से परिचित लोगों के हवाले से कहा गया है कि म्यांमार, भारत के इस अनुरोध पर अड़ा हुआ है कि उसकी नौसेना को द्वीप श्रृंखला पर जाने की अनुमति दी जाए, जो भारत के लैंडफॉल द्वीप से 100 मील से भी कम दूरी पर है।
म्यांमार में अभी सैन्य शासन है, जिसने भारत को चीन को लेकर ये आश्वासन दिया है। लेकिन शक इसलिए है क्योंकि म्यांमार की सेना, चीन की करीबी मानी जाती है। म्यांमार की सेना (जुंटा) ने भारत के रक्षा सचिव को ये आश्वासन दिया है, जो 25 से 27 सितंबर के बीच नेपीडॉ में आयोजित द्विपक्षीय रक्षा संवाद में शामिल हुए थे।
म्यांमार ने कोको द्वीप पर भारत को झूठा आश्वासन दिया?
म्यांमार की सेना ने कहा है कि भारत को कोको द्वीपों से संबंधित किसी भी प्रकार की सुरक्षा चिंता नहीं करनी चाहिए। लेकिन, सूत्रों के मुताबिक, म्यांमार ने अब तक भारतीय नौसेना को इस द्वीपसमूह का दौरा करने की अनुमति नहीं दी है। भारत ने कूटनीतिक और सैन्य चैनलों के माध्यम से कई बार अनुरोध किया है, लेकिन म्यांमार की तरफ से कोई सकारात्मक प्रतिक्रिया नहीं मिली है। यह चुप्पी भारत के रणनीतिक हलकों में संदेह को और गहरा कर रही है कि कहीं म्यांमार के इस द्वीप क्षेत्र में चीन की गुप्त गतिविधियां तो नहीं चल रही हैं।