


इस साल मानसून ने तय समय से सात दिन पहले दस्तक दी थी। अब उसी तरह ठंड ने भी अपना असर समय से पहले दिखाना शुरू कर दिया है। सुबह और शाम के वक्त हल्की सर्दी का एहसास होने लगा है, जबकि दिन और रात के तापमान में लगातार गिरावट देखी जा रही है।
केंद्रीय मौसम विज्ञान केंद्र के अनुसार, इस बार दिसंबर और जनवरी में कड़ाके की ठंड पड़ सकती है।
मौसम विभाग ने यह अनुमान पूरे देश के लिए व्यक्त किया है, लेकिन ग्वालियर अंचल सर्दी और गर्मी दोनों के लिहाज से संवेदनशील क्षेत्र माना जाता है। यहां उत्तर भारत से आने वाली बर्फीली हवाएं जल्दी पहुंच जाती हैं, जिससे ठंड और तीव्र हो जाती है। ऐसे में अंचल में इस बार कड़ाके की सर्दी पड़ने की संभावना जताई जा रही है।
कितना गिरता है तापमान
अंचल में सर्दियों के दौरान न्यूनतम तापमान 0.2 डिग्री सेल्सियस तक पहुंच चुका है। हालांकि हाल के वर्षों में यह तापमान 0.4 या 0.5 डिग्री तक ही गिरा है। दिसंबर 1961 में रिकॉर्ड तापमान 0.4 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया था। इस बार 'ला नीना' के प्रभाव के चलते ठंड पहले से भी ज्यादा तीव्र हो सकती है।
रात के तापमान में लगातार गिरावट, ठंड ने पकड़ी रफ्तार
ग्वालियर अंचल में रात के तापमान में लगातार गिरावट देखी जा रही है। हालांकि गिरावट की गति धीमी है, लेकिन इससे ठंड का असर बढ़ रहा है। बीते चार दिनों से तापमान में गिरावट का सिलसिला जारी है।
शनिवार को न्यूनतम तापमान 18.2 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया, जो शुक्रवार की तुलना में 0.7 डिग्री कम है। दिन के समय धूप के कारण तापमान में हल्की बढ़ोतरी हुई और यह 31.2 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया, जो शुक्रवार की तुलना में 0.2 डिग्री अधिक है।