


राष्ट्रीय मध्याह्न भोजन रसोइया एकता ट्रस्ट के नेतृत्व में लक्सर तहसील परिसर में खानपुर व लक्सर ब्लॉक की सैकड़ों भोजन माताओं ने नारेबाजी करते हुए धरना प्रदर्शन किया। प्रदर्शनकारियों ने अपनी वर्षों पुरानी मांगों को लेकर उपजिलाधिकारी लक्सर सौरभ असवाल के माध्यम से मुख्यमंत्री उत्तराखंड को एक ज्ञापन सौंपा।धरने का नेतृत्व कर रही ट्रस्ट की राष्ट्रीय अध्यक्ष काजल कटारिया ने किया। उन्होंने कहा कि सरकार की उपेक्षा के कारण भोजन माताओं को न केवल मानदेय में देरी झेलनी पड़ रही है बल्कि उनसे ऐसे कार्य भी कराए जा रहे हैं जो उनके दायित्व में नहीं आते।प्रमुख मांगों में भोजन माताओं से शौचालय सफाई व झाड़ू लगवाने जैसी जिम्मेदारियों को तुरंत रोका जाए।जिन रसोइयों को स्कूलों से निष्कासित किया गया है उन्हें दोबारा नियुक्त किया जाए।सभी रसोइयों का रुका हुआ मानदेय तुरंत जारी किया जाए।
26 जून को करेंगे आंदोलन
एमडीएम योजना को ठेकेदारी प्रथा से मुक्त किया जाए, जिससे पारदर्शिता बनी रहे।कार्यरत रसोइयों को उनका मानदेय हर महीने के पहले सप्ताह में बैंक खाते में स्थानांतरित किया जाए। बढ़ती महंगाई को देखते हुए रसोइयों का मासिक मानदेय न्यूनतम 15,000 रुपए किया जाए। 60 वर्ष की आयु पूर्ण करने पर रसोइयों को पेंशन की व्यवस्था की जाए। शिक्षकों, अधिकारियों के बच्चों की पढ़ाई सरकारी स्कूलों में अनिवार्य की जाए ताकि सरकारी शिक्षा प्रणाली और मिड डे मील योजना प्रभावी बन सके।जून की छुट्टियों का वेतन भोजन माताओं को दिया जाए,क्योंकि छुट्टियों में भी उनसे कार्य लिया जाता है।प्रदेशभर के मदरसों और निजी विद्यालयों की सख्ती से जांच हो और नई मान्यताएं रोकी जाएं, ताकि सरकारी स्कूलों की छात्र संख्या में सुधार हो सके। वहीं राष्ट्रीय अध्यक्ष काजल कटारिया ने चेतावनी दी कि यदि सरकार द्वारा इन मांगों पर शीघ्र सकारात्मक कार्रवाई नहीं की गई तो आगामी 26 जून को देहरादून में प्रदेश स्तर पर व्यापक आंदोलन किया जाएगा।