भारत सरकार खेलों में डोपिंग रोकथाम के अपने प्रयासों को और मजबूत कर रही है। नेशनल एंटी डोपिंग एजेंसी (NADA) ने इस वर्ष अपनी टेस्टिंग क्षमता का बड़ा विस्तार किया है। वर्ष 2025 में कुल 7,751 डोप कंट्रोल टेस्ट किए जाने की योजना है, जबकि 2024 में यह संख्या 7,474 और 2023 में 5,794 थी।
सरकार ने हाल ही में NADA इंडिया डेटा एडमिनिस्ट्रेशन एंड मैनेजमेंट सिस्टम (NIDAMS) नामक नया वेब पोर्टल लॉन्च किया है। इसका उद्देश्य खिलाड़ियों की टेस्टिंग प्रक्रिया को डिजिटल बनाना, मिशन ऑर्डर जारी करना, डोपिंग कंट्रोल ऑफिसर्स की उपलब्धता सुनिश्चित करना और सैंपल कलेक्शन प्रक्रिया को अधिक पारदर्शी और प्रभावी बनाना है। यह प्रणाली वाडा (WADA) इंटरनेशनल स्टैंडर्ड्स के अनुरूप काम करती है।
NADA देशभर में विशेष रूप से हाई-परफॉर्मेंस ट्रेनिंग सेंटरों में डोपिंग रोकथाम के लिए कई कदम उठा रहा है। इसके तहत नेशनल एजुकेशन प्रोग्राम्स चलाए जा रहे हैं, जिनमें एथलीट, कोच, ट्रेनर और मेडिकल स्टाफ को डोपिंग के खतरे, प्रतिबंधित पदार्थ, Therapeutic Use Exemption (TUE) और Whereabouts Compliance की जानकारी दी जाती है।
राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय खेल आयोजनों में NADA एंटी-डोपिंग बूथ लगाता है और स्पोर्ट्स अथॉरिटी ऑफ इंडिया (SAI), खेलो इंडिया और राज्य संस्थाओं के सहयोग से इन कार्यक्रमों का विस्तार करता है। NADA इन-कंपटीशन और आउट-ऑफ-कंपटीशन दोनों तरह की टेस्टिंग करता है। हाई-परफॉर्मेंस खिलाड़ियों को रजिस्टर्ड टेस्टिंग पूल में रखा जाता है ताकि उनकी नियमित निगरानी की जा सके। नेशनल स्पोर्ट्स फेडरेशन (NSFs), SAI और शैक्षणिक संस्थानों के सहयोग से शिक्षा और अनुपालन को और मजबूत किया जा रहा है।
सोशल मीडिया के माध्यम से ‘Know Your Medicine App’ और ADL प्लेटफॉर्म को बढ़ावा दिया जा रहा है ताकि खिलाड़ी प्रतिबंधित पदार्थों की पहचान कर सकें। इसके अलावा, टीवी और रेडियो कार्यक्रमों, वीडियो और ऑडियो सामग्री के माध्यम से भी लगातार जानकारी दी जा रही है।
NADA का एंटी-डोपिंग प्रोग्राम पूरे भारत में लागू है, जिसमें हिमाचल प्रदेश भी शामिल है। यह कार्यक्रम शिक्षा, जागरूकता, टेस्टिंग और डिजिटल गवर्नेंस को मजबूत करते हुए भारत को वैश्विक एंटी-डोपिंग मानकों के अनुरूप बनाए रखने में मदद करता है। यह जानकारी युवा मामले और खेल मंत्री डॉ. मनसुख मांडविया ने राज्यसभा में लिखित उत्तर में दी।