


बारिश आते ही लोग बीमार पड़ने लगते है। फिर चाहे वो बड़े हो या बच्चे। भारत में अक्सर बरसात का मौसम कई तरह से स्वास्थ्य की समस्याएं और संक्रमण लेकर आता है। क्योंकि बारिश की वजह से जगह-जगह पर पानी भरने से वायरल और बैक्टीरिया पनपने लगते है। इसीलिए बारिश के मौसम को बीमारियों का मौसम भी कहा जाता है। इसीलिए बारिश के मौसम में साफ सफाई का ध्यान रखना काफी आवश्यक होता है। तो आइये जानते हैं मानसून में किन बीमारियों का खतरा सबसे ज्यादा होता है और कैसे उससे बचाव कर सकते है।
मानसून में होने वाली बीमारियां -
1. पीलिया
गंदा पानी पीने से लीवर पर असर पड़ता है। इसका असर आंखों और पेशाब के रंग में दिखता है। भूख कम लगती है और शरीर थका-थका लगता है।
2. दस्त
दूषित भोजन या पानी के कारण पेट की गड़बड़ी होना आम बात है। बार-बार पतला दस्त और शरीर में पानी की कमी इसके लक्षण हैं।
3. टाइफाइड
लंबे समय तक बुखार रहना, सिरदर्द, पेट दर्द और कमजोरी इसके संकेत हो सकते हैं। दूषित खाना और पानी इसका मुख्य कारण है।
4. सर्दी-जुकाम और वायरल बुखार
नमी वाले माहौल में वायरस आसानी से फैलते हैं। गले में खराश, बुखार, नाक बहना और बदन दर्द इसके लक्षण हैं।
5. मलेरिया और डेंगू
रुका हुआ पानी मच्छरों को जन्म देता हैष इनके काटने से तेज़ बुखार, बदन दर्द और थकान महसूस होती है। डेंगू में प्लेटलेट्स की संख्या घट सकती है।
6. लेप्टोस्पायरोसिस
गंदे पानी में चलने से यह संक्रमण होता है, खासकर जब पैरों में चोट हो. बुखार और मांसपेशियों में दर्द महसूस होता है।
संक्रमण से बचने के लिए अपनाएं ये उपाय-
- उबला हुआ या फिल्टर्ड पानी ही पिएं
- ताजा और घर का बना खाना खाएं
- हाथ धोने की आदत बनाएं – खासकर खाने से पहले और बाहर से आने पर
- मच्छरदानी या रिपेलेंट का उपयोग करें
- भीगे जूते-कपड़े तुरंत बदलें, नमी से फंगल संक्रमण होता है
- बच्चों और बुजुर्गों का विशेष ध्यान रखें – रोग प्रतिरोधक क्षमता कम होती है
- टॉयलेट और रसोई की सफाई रोज़ाना करें।