


प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने रविवार को साइप्रस की राजधानी निकोसिया में इंडिया-साइप्रस CEO फोरम को संबोधित किया। यह दौरा 20 वर्षों में किसी भारतीय प्रधानमंत्री की पहली आधिकारिक यात्रा है। पीएम मोदी ने इस दौरान भारत की आर्थिक तरक्की, डिजिटल क्रांति, और साइप्रस के साथ सहयोग को और मजबूत करने की दिशा में कई महत्वपूर्ण बातें साझा कीं।
भारत और साइप्रस के बीच व्यापार और निवेश
पीएम मोदी ने कहा कि भारत और साइप्रस के बीच 150 मिलियन डॉलर का व्यापार हो रहा है, लेकिन असली क्षमता इससे कहीं ज्यादा है। उन्होंने कहा कि साइप्रस भारत का भरोसेमंद साझेदार रहा है और यहां से भारत में निवेश हुआ है। साइप्रस को यूरोप का गेटवे भी माना जाता है, जो भारत के लिए एक महत्वपूर्ण व्यापारिक भागीदार है।
भारत की बढ़ती अर्थव्यवस्था और डिजिटल क्रांति
प्रधानमंत्री मोदी ने बताया कि भारत बहुत जल्द विश्व की तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बनने की दिशा में तेजी से बढ़ रहा है। उन्होंने कहा कि पिछले एक दशक में भारत पांचवीं सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बना है और अब तेजी से तीसरे स्थान की ओर बढ़ रहा है। पीएम मोदी ने भारत में आई डिजिटल क्रांति का जिक्र करते हुए कहा कि आज दुनिया में 50% डिजिटल लेन-देन भारत में UPI के माध्यम से होते हैं।
भारत का निवेश और फोकस
पीएम मोदी ने बताया कि भारत हर साल 100 अरब डॉलर से अधिक का निवेश इंफ्रास्ट्रक्चर के क्षेत्र में कर रहा है। उन्होंने कहा कि इस साल के बजट में नए मैन्युफैक्चरिंग मिशन की शुरुआत की गई है और मरीन और पोर्ट डिवेलपमेंट, शिपबिल्डिंग और सिविल एविएशन जैसे क्षेत्रों पर विशेष ध्यान दिया जा रहा है।
साइप्रस के साथ सहयोग और समझौते
पीएम मोदी ने खुशी जताई कि साइप्रस स्टॉक एक्सचेंज और नेशनल स्टॉक एक्सचेंज (NSE) ने गुजरात के GIFT सिटी में सहयोग के लिए समझौता किया है। साथ ही उन्होंने बताया कि भारत और यूरोपीय संघ (EU) के बीच फ्री ट्रेड एग्रीमेंट (FTA) पर भी काम तेज़ी से चल रहा है और इस वर्ष के अंत तक समझौता पूरा करने का लक्ष्य है।