


प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने आज बुधवार को विश्वकर्मा जयंती के अवसर पर देशवासियों को शुभकामनाएं दी हैं। उन्होंने कहा कि सृष्टि के शिल्पकार की विशेष आराधना के इस पावन अवसर पर, नव सृजन में संलग्न सभी कर्मयोगियों को मैं हार्दिक बधाई देता हूं। सोशल मीडिया हैंडल ‘एक्स’ पर एक पोस्ट में प्रधानमंत्री ने लिखा, “देशभर के अपने परिवारजनों को भगवान विश्वकर्मा जयंती की हार्दिक शुभकामनाएं। सृष्टि के शिल्पकार की विशेष आराधना के इस पावन अवसर पर नवसृजन में जुटे सभी कर्मयोगियों को मेरा हृदय से अभिनंदन। आपकी प्रतिभा और परिश्रम सशक्त, समृद्ध और समर्थ भारतवर्ष के निर्माण में बहुत मूल्यवान है।”
यह पर्व भगवान विश्वकर्मा को समर्पित
आज विश्वकर्मा जयंती मनाई जा रही है। यह पर्व भगवान विश्वकर्मा को समर्पित है, जिन्हें हिंदू धर्म में वास्तुकार, इंजीनियर और शिल्पकार माना जाता है। इस दिन कारीगर, इंजीनियर, मशीनरी से जुड़े लोग और विभिन्न व्यवसायी अपने औजारों, उपकरणों और कार्यस्थलों की पूजा करते हैं। यह पूजा उनके काम में समृद्धि, सफलता और सुरक्षा की कामना के लिए की जाती है।
कौन है भगवान विश्वकर्मा
पौराणिक कथाओं के अनुसार, भगवान विश्वकर्मा वास्तुदेव और अंगिरसी के पुत्र हैं। कुछ ग्रंथों में उन्हें ब्रह्मा जी का मानस पुत्र या प्रजापति भी कहा गया है। उनका जन्म कन्या संक्रांति के दिन हुआ था, इसलिए हर साल 17 सितंबर को विश्वकर्मा जयंती धूमधाम से मनाई जाती है। उन्हें चार भुजाओं, सुनहरे रंग, स्वर्ण आभूषणों और शिल्प औजारों के साथ चित्रित किया जाता है। कई ग्रंथों में उनके पांच मुख, सद्योजात, वामदेव, अघोर, तत्पुरुष और ईशान, का वर्णन मिलता है।
कारखानों, कार्यस्थलों और दफ्तरों में होती है विशेष पूजा-अर्चना
इस दिन कारखानों, कार्यस्थलों और दफ्तरों में विशेष पूजा-अर्चना की जाती है। लोग अपने औजारों को साफ करते हैं, हल्दी-चंदन लगाते हैं और भगवान विश्वकर्मा से प्रगति की प्रार्थना करते हैं। यह पर्व न केवल शिल्प कौशल का सम्मान करता है, बल्कि मेहनत और रचनात्मकता का उत्सव भी है।