


प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की दिवंगत मां को बिहार में आयोजित महागठबंधन की रैली के दौरान मंच से अपशब्द कहे जाने का मामला अब राजनीतिक भूचाल का रूप ले चुका है। आज पीएम मोदी ने बिहार की जनता से सीधे संवाद कर इस घटना पर अपनी पीड़ा और गुस्सा व्यक्त किया।
मां को गाली... नहीं सहेंगे, PM मोदी का पलटवार
प्रधानमंत्री मोदी ने बिहार की रैली में जनता से कहा - बिहार में जो हुआ, उसकी कल्पना भी नहीं की थी। मेरी दिवंगत मां को गाली दी गई, ये सिर्फ मेरी मां नहीं, पूरे देश की मां-बहनों का अपमान है। उन्होंने जनता से पूछा कि क्या ऐसे लोगों को जवाब नहीं मिलना चाहिए? उनकी इस भावनात्मक अपील ने माहौल को और गरमा दिया है।
बिहार बंद और बढ़ता विरोध
इस बयान के बाद NDA गठबंधन ने 4 सितंबर को बिहार बंद का ऐलान किया है। माना जा रहा है कि यह मुद्दा आगामी बिहार विधानसभा चुनाव 2025 में बड़ा प्रभाव डाल सकता है।
इतिहास भी यही कहता है – अपशब्द से उल्टा पड़ता है असर
मौत का सौदागर – सोनिया गांधी का बयान और कांग्रेस की हार
2007 में सोनिया गांधी ने नरेंद्र मोदी को "मौत का सौदागर" कहा था। इसके बाद गुजरात में कांग्रेस सत्ता से बाहर ही रही और बीजेपी लगातार चुनाव जीतती रही। यह बयान आज भी भाजपा के लिए राजनीतिक हथियार है।
चाय वाला" और "नीच" – मणिशंकर अय्यर के बयान का उल्टा असर
2014 लोकसभा चुनाव में कांग्रेस नेता मणिशंकर अय्यर ने मोदी को "चाय वाला" और बाद में "नीच" कहा था। मोदी ने इसे सहानुभूति में बदलते हुए कहा – "हां, मैं चाय वाला हूं"। इस बयान के बाद भाजपा को भारी समर्थन मिला और NDA ने ऐतिहासिक जीत दर्ज की।
चौकीदार चोर है – 2019 में भी चला उल्टा दांव
2019 में राहुल गांधी ने "चौकीदार चोर है" का नारा दिया, लेकिन भाजपा ने इसे उलटते हुए "मैं भी चौकीदार" अभियान चलाया। नतीजा – PM मोदी फिर प्रचंड बहुमत से जीते, और कांग्रेस को करारी शिकस्त मिली।
क्या फिर होगा इतिहास दोहराव?
बिहार में पीएम की मां पर आपत्तिजनक टिप्पणी के बाद विपक्ष की मुश्किलें बढ़ती दिख रही हैं। इतिहास के कई उदाहरण बता चुके हैं कि नरेंद्र मोदी पर की गई व्यक्तिगत टिप्पणियां हमेशा विपक्ष पर भारी पड़ी हैं। अब देखना होगा कि क्या यह घटना 2025 के बिहार विधानसभा चुनाव का रुख बदल देगी?