


बिहार विधानसभा चुनाव से पहले सियासी माहौल गरमा गया है और भारतीय जनता पार्टी को एक बड़ा और भावनात्मक मुद्दा मिल गया है, जिससे विपक्ष, खासकर कांग्रेस और RJD, मुश्किल में आ गए हैं।
क्या है पूरा मामला?
दरभंगा में आयोजित 'वोटर अधिकार यात्रा' के दौरान एक वीडियो सामने आया, जिसमें कांग्रेस और राजद के मंच से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और उनकी दिवंगत मां हीराबा मोदी के खिलाफ आपत्तिजनक और अभद्र भाषा का इस्तेमाल किया गया। इस घटना ने BJP को चुनाव से पहले एक ऐसा मुद्दा दे दिया, जिससे वो जनता की भावनाओं को सीधे तौर पर जोड़ सकती है।
PM मोदी का जवाब और BJP की रणनीति
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने खुद इस मुद्दे पर तीखी प्रतिक्रिया दी और कहा: "मां के अपमान के लिए मैं राजद-कांग्रेस को क्षमा कर सकता हूं, लेकिन बिहार की जनता कभी माफ नहीं करेगी।" इसके बाद BJP और NDA की महिला मोर्चा ने मोर्चा संभाल लिया और 4 सितंबर को 'बिहार बंद' का ऐलान कर दिया।
राजनीतिक विश्लेषण
BJP को यह मुद्दा भावनात्मक लाभ दिला सकता है, क्योंकि भारत में मां को अत्यधिक सम्मान दिया जाता है। कांग्रेस की ‘वोटर अधिकार यात्रा’ पर पानी फिरता नजर आ रहा है, जिसमें राहुल गांधी ने बिहार के युवाओं को लुभाने की पूरी कोशिश की थी। कांग्रेस पहले भी कई बार ऐसे बयानों से खुद को मुश्किल में डाल चुकी है, और BJP बार-बार इन्हीं बातों को जनता तक ले जाती रही है।
राहुल गांधी की सफाई और विपक्ष की प्रतिक्रिया
राहुल गांधी ने मंच से कही गई बातों से खुद को अलग बताया और कहा कि ऐसी भाषा वह कभी स्वीकार नहीं कर सकते। तेजस्वी यादव ने भी इस घटना की निंदा की, लेकिन BJP पर मुद्दा भटकाने का आरोप लगाया। कांग्रेस ने इसे एक ‘प्लांटेड विवाद’ कहा और BJP पर "राजनीतिक नौटंकी" का आरोप लगाया।