


भारतीय जनता पार्टी ने जिला कार्यकारिणी के तीन सदस्यों के इस्तीफे से साफ कर दिया है कि परिवारवाद नहीं चलेगा। इससे लंबे समय से पार्टी में बड़े पद पाने का इंतजार कर रहे नेता पुत्रों के सपने टूट गए हैं। हालांकि, अब चर्चा यह है कि क्या प्रदेश अध्यक्ष हेमंत खंडेलवाल पार्टी को परिवारवाद से दूर रखने में सच में सफल होंगे?
एक परिवार, एक पद
भाजपा संगठन ने मध्य प्रदेश में परिवारवाद पर नकेल कसते हुए साफ संकेत दिया कि पार्टी में 'एक परिवार, एक पद' का नियम सख्ती से लागू होगा। हाल ही में गठित कुछ जिला कार्यकारिणियों में नेताओं के परिजनों को स्थान मिलने की शिकायतें प्रदेश नेतृत्व तक पहुंची थीं। इसके बाद तत्काल कार्रवाई करते हुए संबंधित पदाधिकारियों से इस्तीफे ले लिए गए।
इनसे लिए गए इस्तीफे
जानकारी के अनुसार, पूर्व केंद्रीय मंत्री फग्गन सिंह कुलस्ते की बहन प्रिया धुर्वे को मंडला जिला कार्यकारिणी में उपाध्यक्ष बनाया गया था। सूत्रों के अनुसार उनको पद छोड़ने के लिए कहा गया। इसी तरह, कैबिनेट मंत्री संपतिया उइके की बेटी श्रद्धा उइके को जिला कार्य समिति में सचिव बनाया गया था। वह ग्राम पंचायत टिकरवाड़ा की सरपंच हैं। उन्होंने प्रदेश अध्यक्ष को संगठन की जिम्मेदारी से मुक्त करने का त्यागपत्र भेजा। इसके अलावा पूर्व विधानसभा अध्यक्ष गिरीश गौतम के बेटे राहुल गौतम को मऊगंज जिला कार्य समिति का उपाध्यक्ष नियुक्त किया गया था। बताया गया कि ये इस्तीफे प्रदेश अध्यक्ष हेमंत खंडेलवाल के संज्ञान में आने के बाद निजी कारण बताते हुए दिए गए। इससे भाजपा ने साफ संदेश दे दिया है कि अब नेताओं के परिजनों को संगठन में जिम्मेदारी नहीं मिलेगी।
कार्तिकेय को नहीं मिला टिकट
केंद्रीय मंत्री शिवराज सिंह चौहान के बड़े बेटे कार्तिकेय सिंह बुधनी विधानसभा में लंबे समय से सक्रिय हैं। शिवराज सिंह चौहान के मुख्यमंत्री रहने के दौरान उनके प्रचारका पूरा जिम्मा कार्तिकेय के पास ही था। शिवराज सिंह चौहान के लोकसभा चुनाव जीत कर दिल्ली जाने के बाद उपचुनाव में कार्तिकेय सिंह चौहान को टिकट मिलने की उम्मीद थी, उनका नाम भेजा भी गया था, लेकिन केंद्रीय नेतृत्व ने उनका नाम काट दिया।