


मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव, केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह से पिछले दो माह के दौरान पांच बार मिल चुके हैं। अब राजनीतिक गलियारों में इसको लेकर कई मायने निकाले जा रहे हैं। कई लोगों का मानना है कि मध्य प्रदेश सरकार के कामकाजों पर अमित शाह पूरी तरह नजर रखे हुए हैं। मुख्यमंत्री हर बार जाकर मध्य प्रदेश में किए जा रहे नवाचार और अन्य कामों के साथ-साथ अपनी राजनीतिक समस्याओं को भी रखते हैं। कुछ लोगों का मानना है कि वे अपने आप को लगातार मजबूत बनाए रखने के लिए अमित शाह से विशेष मार्गदर्शन भी प्राप्त करते हैं। जो भी हो, जानकारों का कहना है कि बार-बार अमित शाह से मिलना कई अलग तरह के संदेश और संकेत तो देता ही है।
सरकार को अपनी छवि की चिंता!
मध्य प्रदेश में विधानसभा चुनाव को अभी तीन साल बाकी हैं, लेकिन सरकार अपनी छवि को लेकर अभी से चिंतित है। भोपाल में संपन्न दो दिवसीय कलेक्टर्स कॉन्फ्रेंस में यह बात सामने आई है। मुख्यमंत्री और मुख्य सचिव दोनों ने इस संबंध में कलेक्टर और एसपी को विशेष ध्यान रखने की बात कहते हुए यह संदेश दिया कि उनके व्यवहार और कार्यों से सरकार की उज्जवल छवि बननी चाहिए। कलेक्टरों को निर्देश दिए गए हैं कि वह अपनी छवि के बजाय सरकार की छवि पर पूरी तरह ध्यान दें और खासतौर पर जब नकारात्मक कोई खबरें आती हैं तो इस बारे में सरकार का सकारात्मक पक्ष तत्काल आना चाहिए। पहली बार यह कहा गया कि पॉजिटिव पब्लिसिटी के लिए और जनसंपर्क विभाग को सतत अच्छी खबरें देने के लिए कलेक्ट्रेट में एक नोडल अधिकारी पदस्थ किया जाए। माना जा रहा है कि मुख्यमंत्री और मुख्य सचिव ने ये निर्देश हाल ही में कुछ कलेक्टरों और एसपी के कार्यों और व्यवहार से सरकार की छवि पर आंच आती देख कर दिए हैं।