272 से ज्यादा प्रमुख हस्तियों ने एक खुला पत्र लिखकर देश की सांविधानिक संस्थाओं पर राहुल गांधी की ओर से बार-बार किए जा रहे हमलों की निंदा की। इनमें 16 जज, 123 सेवानिवृत्त अधिकारी, 14 राजदूत और 133 सेवानिवृत्त सैन्य अधिकारी शामिल हैं।
खुले पत्र में क्या लिखा गया?
इस खुले पत्र में कहा गया, लोकसभा में विपक्ष के नेता ने कई बार चुनाव आयोग पर हमला किया है। उनके पास खुला और बंद जैसा स्पष्ट सबूत है कि चुनाव आयोग वोट चोरी में शामिल है और दावा किया कि उनके पास सौ फीसदी सबूत हैं। उन्होंने बेहद अशोभनीय भाषा का इस्तेमाल किया कि उनके पास जो सबूत हैं, वह एक एटम बम हैं और जब यह फटेगा तो चुनाव आयोग के पास छिपने की जगह नहीं मिलेगी। पत्र में नागरिक समाज और जनता से चुनाव आयोग के साथ मजबूती से खड़े होने की अपील की गई। साथ ही राजनीतिक दलों से कहा गया कि वे बिना सबूत के आरोप लगाकर और नाटकीय बयानबाजी करके इस अहम संस्था को कमजोर करना बंद करें।
राहुल गांधी को न भारत की परवाह, न भारतीयों की
उन्होंने कहा, मैंने कई साल पहले ही कहा था कि राहुल गांधी न भारत की परवाह करते हैं, न भारतीयों की। वह साल में तीन-चार महीने से ज्यादा भारत में नहीं रहते। उनकी निष्ठा, लगन, दिलचस्पी-सब कुछ भारत के बाहर है। उनके लिए भारत में राजनीति करना पार्ट-टाइम काम है और विदेश यात्रा के खर्च पूरे करने का तरीका है। उनके मन में भारत और भारतीयों के कल्याण की कोई बात नहीं है। वह केवल खुद की और खुद के परिवार की परवाह करते हैं।