सावन के पहले सोमवार पर भद्रा की छाया, जानें शिव पूजा का शुभ मुहूर्त
2025 के सावन के पहले सोमवार को भद्रा काल का असर रहेगा। जानें किस समय शिव पूजा करना शुभ रहेगा, क्या है भद्रा तिथि और क्या सावधानियां बरतनी चाहिए। पढ़ें पूरी जानकारी।
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Richa Gupta
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सावन माह का हर एक दिन भगवान शिव की उपासना के लिए बेहद खास होता है। लेकिन जो लोग पूरे सावन व्रत व पूजा-पाठ नहीं कर पाते हैं, वो सावन में आने वाले सोमवार को व्रत जरूर रखते हैं। दरअसल, सोमवार का दिन भगवान शिव को समर्पित होता है। जब सावन माह में सोमवार आता है तो इससे इस दिन का महत्व और ज्यादा बढ़ जाता है।


मान्यता है कि सावन सोमवार के दिन शुभ मुहूर्त में पूजा-पाठ करने से साधक को भगवान शिव की विशेष कृपा प्राप्त होती है। साथ ही घर-परिवार में सुख, शांति, समृद्धि, धन, वैभव और ऐश्वर्य आदि सकारात्मक ऊर्जा का वास होता है। चलिए अब जानते हैं साल 2025 में किस दिन से सावन माह शुरू हो रहा है। साथ ही आपको सावन के पहले सोमवार की सही तिथि और पूजा के शुभ मुहूर्त के बारे में पता चलेगा।


सावन का पहला सोमवार कब है?


द्रिक पंचांग के अनुसार, इस बार 11 जुलाई 2025 से सावन मास की शुरुआत हो रही है, जिसका समापन 09 अगस्त 2025 को होगा। जबकि सावन का पहला सोमवार माह के आरंभ होने के 3 दिन बाद यानी 14 जुलाई 2025 को है। 14 जुलाई के बाद दूसरा सावन सोमवार 21 जुलाई, तीसरा 28 जुलाई और चौथा 4 अगस्त 2025 को है।


कब से कब तक रहेगी भद्रा?

इस बार 13 जुलाई 2025 को दोपहर 01 बजकर 26 मिनट से लेकर 14 जुलाई 2025 को प्रात: काल 01 बजकर 02 मिनट पर भद्रा की काली छाया रहेगी। जबकि 14 जुलाई को शिव जी की पूजा का शुभ मुहूर्त भद्रा काल के समाप्त होने के बाद शुरू हो रहा है। ऐसे में भद्रा का अशुभ साया सावन के पहले सोमवार के दिन नहीं पड़ेगा। बता दें कि भद्रा काल को अशुभ माना जाता है, जिस दिन कोई भी शुभ कार्य करने सही नहीं होते हैं।

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