


टनकपुर-चंपावत राष्ट्रीय राजमार्ग पर स्थित स्वाला डेंजर जोन एक बार फिर से खतरे का सबब बन गया है। इस जोन में पहाड़ी ट्रीटमेंट का कार्य अभी तक पूरा नहीं हो पाया है, जिससे यह जोन लगातार डेंजर बना हुआ है। डेंजर जोन से गुजरने वाले वाहनों के लिए बड़ा खतरा बना हुआ है, कभी भी पहाड़ी से पत्थर आकर बड़ी दुर्घटना को अंजाम दे सकते हैं।
पिछली बरसात की मुसीबतें
पिछली बरसात में स्वाला डेंजर जोन कई दिनों तक बंद रहा था, जिससे प्रशासन की नाक में दम कर दिया था। कई बड़ी दुर्घटनाएं होने से बाल-बाल बची थीं। राजमार्ग खोलने के लिए एनएच विभाग के चीफ इंजीनियर और एसई तक को अपनी कुर्सी छोड़ स्वाला में डेरा जमाना पड़ा था। किसी तरह रैंप बनाकर यातायात को सुचारु किया गया था, लेकिन चंपावत और पिथौरागढ़ जिले के व्यापारियों और जनता को बड़ी मुसीबतें झेलनी पड़ी थीं।
प्रशासन की उदासीनता
हैरानी की बात है कि एनएच के अधिकारियों और प्रशासन ने पिछली बरसात से कोई सबक नहीं लिया है। तीन महीने बाद मानसूनी सीजन शुरू होगा, लेकिन अभी तक पहाड़ी ट्रीटमेंट का कोई भी कार्य नहीं किया गया है। नाममात्र का मलवा पहाड़ी से हटाया जा रहा है, लेकिन अभी तक पहाड़ी में सुरक्षा दीवारें नहीं बनाई गई हैं और न ही अन्य कार्य किया जा रहा है।
लोगों की मांग
लोगों ने मुख्यमंत्री से जल्द से जल्द स्वाला की पहाड़ी का ट्रीटमेंट करा कर बरसात में जनता को होने वाली परेशानियों से छुटकारा दिलाने की मांग की है। लोगों का कहना है कि एनएच के अधिकारियों ने पिछली बरसात से कोई सबक नहीं लिया है, जहां युद्ध स्तर पर कार्य होना चाहिए था, वहां कछुए की जैसी चाल से कार्य किया जा रहा है। राजमार्ग में स्वाला के अलावा अभी भी कई ऐसी जगहें हैं जहां कोई कार्य नहीं किया गया है, लेकिन कुछ भी हो, बरसात में मुसीबतें तो जनता को झेलनी पड़ेगी।
जिलाधिकारी का निरीक्षण
जिलाधिकारी नवनीत पांडे ने जनवरी में स्वाला डेंजर जोन का निरीक्षण किया था और अधिकारियों को पहाड़ी ट्रीटमेंट कार्य को जल्द पूरा करने के निर्देश दिए थे, लेकिन अभी तक कोई खास प्रगति नहीं हुई है।