गोवा में आयोजित होने वाला टेल्स ऑफ कामसूत्र फेस्टिवल देशभर में चर्चा का विषय बना हुआ है. ऐसा इसलिए क्योंकि इस आयोजन को लेकर जमकर विरोध हुआ. यही वजह है कि आयोजन को रद्द कर दिया गया. ऐसा कहा गया कि इस तरह के आयोजन से सेक्स टूरिज्म को बढ़ावा दिया जा रहा है. विरोध को देखते हुए पुलिस ने इस आयोजन को रद्द करा दिया है. यह कार्यक्रम अगले महीने क्रिसमस के आसपास होने वाला था. इवेंट के एक पोस्टर में दावा किया गया था कि यह 25 से 28 दिसंबर तक होगा. इसमें साफ़ तौर पर सेक्सुअल एक्ट्स दिखाए गए हैं. इससे कैथोलिक कम्युनिटी के लोगों को ठेस पहुंची है, इसलिए हमने इवेंट कैंसिल करने और सभी पोस्टर हटाने का फ़ैसला किया है.
क्या है टेल्स ऑफ कामसूत्र फेस्टिवल का मकसद?
टेल्स ऑफ कामसूत्र फेस्टिवल को 25 से 28 दिसंबर तक आयोजित करने की योजना तैयार की गई थी. इसे रजनीश फाउंडेशन के नाम से प्रमोट किया गया और संचालक के रूप में ओशो लुधियाना मेडिटेशन सोसाइटी से जुड़े स्वामी ध्यान सुमित का नाम था. इस फेस्टिवल के जरिए कामसूत्र से जुड़ी कथाओं, ध्यान सेशंस और वेलनेस एक्टिविटी को एक साथ पेश करना बताया गया है. इन्हीं सब के बारे में इस आयोजन के जरिए लोगों तक पहुंचाना था.
क्या है विरोध की वजह?
टेल्स ऑफ कामसूत्र फेस्टिवल के आयोजन को लेकर साफ तौर पर टाइमिंग एक बड़ी वजह माना जा रहा है. ऐसा इसलिए क्योंकि जिस समय इस कार्यक्रम का आयोजन होना है, उसी समय क्रिसमस है. यही वजह है कि यह कार्यक्रम क्रिसमस से जोड़कर देखा जा रहा है. विरोध वजह भी यही है. इसके नाम को लेकर भी कई संगठनों ने आपत्ति जताई है.