जब दुल्हन की शादी होती है तो अक्सर वो अपने रंग-रूप को संवारती हैं. लेकिन, चीन में एक जनजाति ऐसी भी है जहां एक अलग ही परंपरा है. इस जनजाति में शादी से पहले दुल्हन के आगे के 1 या 2 दांत तोड़ दिए जाते हैं. चीन की गेलाओ जनजाति यह परंपरा अपनाती है. इस परंपरा के पीछे मान्यता है कि अगर दुल्हन के दांत नहीं तोड़े गए और यह रस्म नहीं की गई तो दूल्हे के परिवार के साथ कोई अनहोनी हो सकती है. इसी के चलते यह परंपरा का सख्ती से पालन किया जाता रहा है. साथ ही कई मामलों में दुल्हन के दांत बुरे न लगे और सजावट के चलते कुत्ते के दांत लगा दिए जाते हैं. गेलाओ लोग चीन और वियतनाम में पाए जाने वाला एक जातीय समूह हैं. 2021 में चीन में उनकी लगभग आबादी 6 लाख 77 हजार से अधिक थी.
गेलाओ जनजाति क्या है?
यह समुदाय मुख्य रूप से दक्षिणी चीन के गुइझोउ प्रांत के पश्चिमी हिस्से में स्थित गेलाओ स्वायत्त क्षेत्रों में रहता है. परंपरागत रूप से ये लोग खेती पर निर्भर हैं. यह लोग धान की खेती करते हैं, जबकि पहाड़ी और सूखे क्षेत्रों में अलग-अलग अनाज उगाते हैं.
क्यों निकाले जाते हैं महिलाओं के दांत
नई दुल्हनों के दांत निकालने की यह परंपरा पीढ़ियों से चली आ रही है. इसका सबसे पुराना जिक्र दक्षिणी सोंग राजवंश (1127 से 1279) के समय के मिलते थे. जब कोई गेलाओ महिला लगभग 20 वर्ष की हो जाती थी और शादी की तैयारी करती थी, तो उसके ऊपर के आगे के एक या दो दांत जानबूझकर निकाल दिए जाते थे.
पति के लिए माना जाता है नुकसानदायक
कुछ लोगों का मानना था कि अगर ऊपर के आगे के दांत रखे जाएं, तो इससे पति के परिवार पर मुश्किल आ सकती है और वंश आगे न बढ़ पाने की स्थिति बन सकती है. परिवार को किसी तरह की मुश्किल का नाम न करना पड़े, इसके लिए दांत निकालना जरूरी माना जाता था. हालांकि, कुछ का कहना है कि यह परंपरा सिर्फ सौंदर्य के लिए थी.