उत्तर प्रदेश सरकार के नियोजन विभाग ने सभी विभागों के प्रमुख सचिवों और अपर मुख्य सचिवों को आदेश जारी कर कहा है कि आधार कार्ड को अब बर्थ डेट सर्टिफिकेट के रूप में स्वीकार नहीं किया जाएगा। इसका मतलब है कि यूपी में किसी भी सरकारी काम के लिए आधार कार्ड को जन्म तिथि के प्रामाणिक दस्तावेज के तौर पर नहीं माना जाएगा।
इसी तरह, महाराष्ट्र में भी राज्य राजस्व विभाग ने आदेश जारी किया है कि केवल आधार कार्ड के आधार पर बनाए गए सभी जन्म प्रमाण पत्र रद्द किए जाएंगे। यह कदम फर्जी जन्म और मृत्यु प्रमाण पत्रों के अवैध इस्तेमाल को रोकने के लिए उठाया गया है। राजस्व मंत्री चंद्रशेखर बावनकुले ने कहा कि संदिग्ध प्रमाण पत्रों को रद्द करने का आदेश दिया गया है।
इस फैसले का आधार भारतीय विशिष्ट पहचान प्राधिकरण (UIDAI) द्वारा 31 अक्टूबर को जारी किए गए पत्र में दिया गया था, जिसमें स्पष्ट किया गया था कि आधार कार्ड जन्म तिथि का अनुमन्य प्रमाण नहीं है। उत्तर प्रदेश सरकार ने इसी पत्र को ध्यान में रखते हुए नियोजन विभाग को आदेश जारी करने को कहा। विशेष सचिव अमित सिंह ने बताया कि UIDAI का पत्र आने के बाद भी कई विभागों में आधार कार्ड को जन्म तिथि के प्रमाण के तौर पर स्वीकार किया जा रहा था। अब यह पूरी तरह प्रतिबंधित कर दिया गया है।